असम: देश से सबसे बड़े रोड रेल बोगीबील ब्रिज का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
बोगीबील पुल असम के डिब्रूगढ़ जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण तट को अरूणाचल प्रदेश के सीमावर्ती धेमाजी जिले में सिलापाथर को जोड़ेगा. कुल 4.9 किलोमीटर लंबे इस पुल की मदद से असम के तिनसुकिया से अरूणाचल प्रदेश के नाहरलगुन कस्बे तक की रेलयात्रा में लगने वाले समय में 10 घंटे से अधिक की कमी आने की उम्मीद है.
डिब्रूगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अस के डिब्रूगढ़ में देश के सबसे बड़े रोडरेल पुल का उद्घाटन करेंगे. पीएम मोदी बोगीबील पुल से गुजरने वाली पहली यात्री ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाएंगे. यह ट्रेन तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस होगी जो सप्ताह में पांच दिन चलेगी. कुल 4.9 किलोमीटर लंबे इस पुल की मदद से असम के तिनसुकिया से अरूणाचल प्रदेश के नाहरलगुन कस्बे तक की रेलयात्रा में लगने वाले समय में 10 घंटे से अधिक की कमी आने की उम्मीद है. इस पुल को बनने में 16 साल लगे हैं.
सामरिक नजर से भी बेहद खास है बोगीबील पुल बोगीबील पुल भारत-चीन सीमा पर सैनिकों के लिए खास भूमिका निभा सकता है. इससे पहले ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसे डिब्रूगढ़ जिले से असम के बाकी इलाकों और अरुणाचल प्रदेश तक पहुंचना अब तक टेढ़ी खीर था. विक्राल ब्रह्मपुत्र को पार करने के लिए लोगों के पास नाव ही एकमात्र जरिया था. चीन से युद्ध जैसी स्थिति में क्या हम देश के दूसरे इलाकों से अपने सैनिकों को अरुणाचल प्रदेश जल्द से जल्द भेज पाएंगे. ये सवाल कई सालों से हिंदुस्तानी फौज को परेशान कर रहे थे. लेकिन बोगीबील पुल अब ऐसे सभी सवालों का जवाब बनकर सामने आया है.
और क्या होगा फायदा? बोगीबील पुल असम के डिब्रूगढ़ जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण तट को अरूणाचल प्रदेश के सीमावर्ती धेमाजी जिले में सिलापाथर को जोड़ेगा. यह पुल और रेल सेवा धेमाजी के लोगों के लिए अति महत्वपूर्ण होने जा रही है क्योंकि मुख्य अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और हवाई अड्डा डिब्रूगढ़ में हैं. इससे ईटानगर के लोगों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि यह इलाका नाहरलगुन से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर है.
पूर्व पीएम वाजपेयी के जन्मदिन पर सौगात मोदी, दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की वर्षगांठ के अवसर पर इस बोगीबील पुल पर रेल आवागमन की शुरूआत कर रहे हैं. यह दिन केंद्र सरकार ‘सुशासन दिवस’ के रूप में भी बनाती है. बोगिबील पुल को भारतीय इंजीनियरिंग की मिसाल कहा जा रहा है क्योंकि इसे बनाकर भारतीय इंजीनियरों ने तकनीक और हुनर का नायाब नमूना पेश कर दिया है.
क्या है इस पुल की खासियत -बोगिबील पुल की लम्बाई 4.94 किलोमीटर है. -इस पुल पर रेल लाइन और सड़क दोनों बनाई गई हैं. -जिसमे ऊपर 3 लेन की सड़क बनाई गई है और पुल के नीचे के हिस्से में 2 रेलवे ट्रैक. -इन पर 100 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी. -इस पुल को बनाने में 5800 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. -ब्रह्मपुत्र नदी पर बना ये पुल कुल 42 खम्बो पर टिका हुआ है जिन्हे नदी के अंदर 62 मीटर तक गाड़ा गया है. -यह पुल 8 तीव्रता का भूकंप झेलने की क्षमता रखता है.