नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली में डॉ अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर का उद्घाटन कर दिया है. इस दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, राज्य मंत्री रामदास अठावले, कृष्ण पाल गुर्जर और विजय सांपला समेत कई वरिष्ठ लोग मौजूद रहे. डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र यानि डीएआईसी का निर्माण लगभग 192 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है.
क्या है DAIC?
डीआईएसी की आधारशिला 20 अप्रेल साल 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी. यह सेंटर अपने तय समय से दो महीने पहले ही बनकर तैयार हो गया है. जबकि इसे तैयार करने की समयसीमा जनवरी 2018 की तय की थी. डीएआईसी का निर्माण 3.25 एकड़ में किया गया है. डीआईएसी को एक उत्कृष्ट केंद्र में विकसित करने के लिए इस भवन को एक वृहत पुस्तकालय, तीन अत्याधुनिक सभागारों, बैठने की अलग-अलग क्षमता वाले तीन सम्मेलन कक्षों और प्रदर्शनी क्षेत्रों से सुसज्जित किया गया है.
ई-लाइब्रेरी में अंतर्राष्ट्रीय पुस्तकें भी शामिल
डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में लोग ई-लाइब्रेरी में अंतर्राष्ट्रीय पुस्तकें भी पढ़ सकेंगे. विद्वान, अनुसंधानकर्ता और विद्यार्थी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुस्तकालयों की लगभग दो लाख पुस्तकों और 70 हजार पत्र पत्रिकाओं को पढ़ सकेंगे. इस लाइब्रेरी में दृष्टि-बाधित व्यक्तियों के लिए ब्रेल अनुभाग भी होगा.
DAIC में होगा DAICSET
डीएआईसी में डॉ. अम्बेडकर सेंटर फार सोशियो-इकानामिक ट्रासफोर्मेशन (डीएआईसीएसईटी) होगा, जो सामाजिक और आर्थिक अध्ययन के क्षेत्र अनुसंधान का एक उत्कृष्ट केंद्र होगा. डीएआईसीएसईटी एक थिंक टैंक होगा जो समावेशी विकास और उत्थान पर ध्यान केंद्रित हुए सामाजिक-आर्थिक मामलों पर ध्यान देगा. इस केंद्र में परामर्शदात्री शाखा और मीडिया शाखा भी होगी. यह केंद्र क्षेत्रीय हस्तेक्षेपों का प्रस्ताव करेगा और परामर्श देगा. साथ ही अनुसंधान रिपोर्टें, नीतिपरक संक्षिप्त लेखों को उपलब्ध कराएगा और कार्यशालाएं और सम्मेलन आयोजित करेगा.