नई दिल्ली: दिल्ली, खासकर पूर्वी दिल्ली, गाज़ियाबाद और मेरठ के लोगों को जिस दिन का इंतज़ार था वो अब जल्द आने जा रहा है. दिल्ली को मेरठ से सीधे जोड़ने वाले मेरठ एक्सप्रेसवे का पहला चरण 15 अप्रैल को पूरी तरह से बन कर तैयार हो जाएगा और जनता के लिए खुल जायेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी 15 अप्रैल को एक्सप्रेसवे के पहले हिस्से को औपचारिक तौर पर जनता के लिए खोल देंगे. लगभग 9 किलोमीटर लंबे इस पहले चरण के खुलने से पूर्वी दिल्ली और गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम और वैशाली में रहने वाले लोगों के लिए आना जाना आसान होने की उम्मीद है.
रोड शो कर सकते हैं पीएम मोदी
15 अप्रैल के उद्घाटन को मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश करने की योजना है. सूत्रों के मुताबिक उस दिन के पूरे कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है. प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक पीएम मोदी इस एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्से पर रोड शो की तरह खुली जीप में घूमेंगे जबकि सड़क के दोनों तरफ लोग खड़े रहेंगे. रविवार होने के चलते 15 अप्रैल का दिन चुना गया है ताकि लोगों को असुविधा न हो.
काम में देरी पर पीएम ने लगाई थी फटकार
इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास दिसम्बर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएडा में किया था. तब इस पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए दिसंबर 2019 तक की समयसीमा दी गई थी लेकिन शुरुआत में काम शुरू करने में देरी हुई. प्रधानमंत्री ने काम में हो रही देरी पर अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा था कि उन्हें फीता काटने का शौक़ नहीं है. शुरुआत में ज़मीन अधिग्रहण को लेकर कॉन्ट्रैक्ट देने में देरी से परियोजना का काम धीरे शुरू हुआ लेकिन अब सड़क परिवहन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कॉन्ट्रैक्ट देने के बाद इस चरण को मात्र डेढ़ साल में पूरा कर एक रिकॉर्ड बनाया गया है.
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का भी होगा उद्घाटन
मेरठ एक्सप्रेसवे के साथ साथ पीएम मोदी गाज़ियाबाद के कुंडली से हरियाणा के पलवल को जोड़ने वाली 135 किलोमीटर लंबी ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे की भी शुरुआत करेंगे. दिल्ली में ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने में एक्सप्रेसवे मदद करेगा क्योंकि गाज़ियाबाद से हरियाणा जाने के लिए ट्रकों और भारी वाहनों को दिल्ली में घुसने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
बागपत में राजनीतिक रैली को भी करेंगे सम्बोधित
2019 के चुनाव के मद्देनजर इन दोनों एक्सप्रेसवे को समय के भीतर पूरा करने को मोदी सरकार बड़ी उपलब्धि मानती है और इसलिए इस मौके का सियासी सन्देश देने की भी कोशिश की जाएगी. दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की इस पुरानी मांग को पूरा करने का जश्न एक रैली के रूप में मनाया जाएगा. सम्भावना है कि उद्घाटन के बाद मोदी बागपत के पास एक रैली को भी सम्बोधित करेंगे.