नई दिल्ली: कोरोना काल में सबसे बड़ी समस्या जो सामने आई वो प्रवासी मजदूरों और गरीबों के पलायन की आई. लाखों मजदूरों के सामने आज रोजगार का संकट पैदा हो गया है. उनकी समस्याओं को दूर करने और रोजगार देने के मकसद से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू करने जा रही है.


आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी की जानकारी दी. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा,'' लॉकडाउन के बाद पूरे देश में बड़ी संख्या में श्रमिक अपने गांवों को गए हैं. राज्यों ने इसके लिए परिवहन की व्यवस्था भी की थी. हम उन जिलों की पहचान कर रहे हैं, जहां सबसे ज्यादा मजदूर लौटे हैं.''


उन्होंने कहा,'' हम उनकी मदद से लिए एक खास अभियान शुरू करने जा रहे हैं. इस योजना का नाम गरीब कल्याण रोजगार है. योजना की लॉन्चिंग 20 जून को पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे.''


उन्होंने कहा,'' इस योजना के तहत देश के विभिन्न भागों से पलायन कर अपने अपने गांव पहुंचे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ ही साथ अभियान को देश के छह राज्यों के 116 जिलों में शुरू किया जायेगा.''


50 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जा रही इस योजना के तहत कामगारों को 25 प्रकार के काम दिये जाएंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ''इन 25 कार्यों में आंगनवाड़ी केंद्र, ग्रामीण सड़कें, ग्रामीण आवास, रेलवे के काम, ग्रामीण क्षेत्रों में RURBAN मिशन, सोलर पम्पसेट, फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाने आदि काम शामिल हैं.''


उन्होंने कहा कि इस योना से बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों को काफी फायदा होगा. इसका फायदा 25 हजार प्रवासी मजदूरों को मिलने का दावा किया जा रहा है.


उन्होंने कहा,'' इस योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों का विकास है. प्रंदहवें वित्त आयोग की शिफारिश के अनुसार, गावों में ग्रामीण स्थानीय निकायों को धन जारी होगा. गरीब कल्याण रोजगार अभियान काम उपलब्ध करवाएगा और ग्रामीण इलाकों में संपत्ति निर्माण करेगा, जिससे ग्रामीण विकास को बल मिले.''