सत्याग्रह शताब्दी समारोह: आज चंपारण में प्रधानमंत्री मोदी, सुपरफास्ट ट्रेन को दिखाएंगे हरी झंडी
गांधी जी ने यह सत्याग्रह उन किसानों के अधिकारों के लिए लड़ने के उद्देश्यए से शुरू किया था जिन्हें नील की खेती करने के लिए मजबूर किया गया था.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार के मोतीहारी में चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समापन समारोह के अवसर पर देश भर में होने वाले कार्यक्रम से जुड़ेंगे और स्वच्छाग्रहियों को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी इस मौके पर मोतीहारी में 20,000 स्व्च्छा ग्रहियों और स्वाच्छता दूतों को संबोधित करेंगे.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक सदी पहले 10 अप्रैल 1917 को अंग्रेजों के खिलाफ चंपारण सत्याग्रह शुरू किया था. गांधी जी ने यह सत्याग्रह उन किसानों के अधिकारों के लिए लड़ने के उद्देश्यए से शुरू किया था जिन्हें नील की खेती करने के लिए मजबूर किया गया था. आज का दिन चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह के समापन के तौर पर मनाया जा रहा है.
चंपारण में पीएम मोदी का आज का कार्यक्रम? पीएम मोदी सुबह 10 बजे पटना पहुंचेंगे और फिर वहां से हेलिकॉप्टर के जरिए पूर्वी चंपारण के मुख्यालय मोतिहारी जाएंगे. मोतिहारी में प्रधानमंत्री 'सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह' कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और एक सभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री चंपारण में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत भी करेंगे.
पीएम ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रिक लोकोमेटिव फैक्ट्री मधेपुरा को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसके साथ ही पीएम मोदी देश के सबसे पॉवरफुल 12000 हॉर्सपावर वाले रेल इंजन को हरी झंडी दिखाएंगे. ये इंजन पटरी पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगा.
क्यों मशहूर है बिहार का चंपारण? भारत और नेपाल की सीमा से लगा चंपारण इलाका आजादी के आंदोलन के दौरान काफी सुर्खियों में रहा था. महात्मा गांधी ने चंपारण से ही अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन के जरिए आजादी की मशाल जलायी थी.
गांधी जी ने चंपारण जिले में साल 1917 में बिहार के किसानों के लिए आंदोलन शुरू किया था. किसानों को जबरन नील की खेती कराई जा रही थी और गांधी जी ने इसी के खिलाफ आंदोलन किया. गांधी जी के इस आंदोलन को चंपारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है.