MP Election 2023: मध्य प्रदेश में दलित वोटरों पर घमासान, 12 अगस्त को सागर जाएंगे पीएम मोदी, क्यों खास है ये दौरा?
Madhya Pradesh Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को मध्य प्रदेश के सागर जिले का दौरा करेंगे. इस दौरान वह संत रविदास मंदिर का शिलान्यास करेंगे.
PM Modi to visit Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में अब बीजेपी (BJP) आदिवासियों के बाद दलित वोटरों को लुभाने में जुटी है. इसके लिए बीजेपी ने राज्य के सागर जिले में संत रविदास का मंदिर बनाने और समरसता यात्रा निकालने का फैसला किया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को सागर जाएंगे. इस दौरान वह मंदिर का शिलान्यास करेंगे और एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे. पीएम जनसभा के लिए सागर जिले के ढाना एयरपोर्ट के पास एक विशाल तंबू लग रहा है.
पीएम मोदी के दौरे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री सागर में संत रविदास मेमोरियल मंदिर और उनके जीवन से जुड़े पहलुओं पर बन रहे संग्रहालय किन आधारशिला रखेंगे. उन्होंने बताया कि सागर में संत रविदास की याद में निकाली जाने वाली समरसता यात्राओं का समापन होगा. बता दें कि बीजेपी प्रदेश के चार दलित बहुल आबादी वाले जिलों से समरसता यात्राएं निकालेगी.
कांग्रेस ने बीजेपी पर साथ निशाना
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. पार्टी का कहना है कि राज्य का दलित समुदाय बीजेपी के पाखंड को समझता है. भारतीय जनता पार्टी को चुनाव के पहले दलित याद आ रहे हैं.
मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे सागर का दौरा
उधर दलित वोट साधने के लिए कांग्रेस भी सागर और बुंदेलखंड में अपनी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का दौरा कराना चाहती थी. 13 अगस्त तारीख को उनका प्रदेश में जाना तय था, लेकिन प्रधानमंत्री का दौरा तय होने के बाद खरगे का दौरा टल गया. वह अब 22 अगस्त को मध्य प्रदेश जाएंगे.
दलितों को लुभाने की कोशिश
दरअसल, प्रदेश में कुल 17 से 18 प्रतिशत आबादी दलितों की है. यहां करीब 64 लाख दलित वोटर हैं, जिनके लिए 230 विधानसभा की सीटों में से 35 सुरक्षित सीटें है. इनमें से पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 18 सीट तो बीजेपी ने 17 सीटें जीती थीं.
15 सीटों पर दलितों का प्रभाव
वहीं, कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद कांग्रेस के चार एससी विधायक बाद में बीजेपी में बीजेपी में शामिल हो गए थे. यानि अभी 21 दलित विधायक बीजेपी के पाले में है. इसके अलावा मध्यप्रदेश के दस से 15 जिलों में दलित आबादी अच्छी संख्या में है और जो चुनाव परिणामों पर सीधा असर डालती है.
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