नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ से नौ जून तक मालदीव और श्रीलंका की यात्रा करेंगे. यह यात्रा मोदी द्वारा पड़ोसी देशों को दी जा रही प्राथमिकता को दिखाता है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी. सत्ता में दोबारा आने के बाद मोदी पहली बार मालदीव की द्विपक्षीय यात्रा करने जा रहे हैं. विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि मोदी नौ जून को श्रीलंका की यात्रा पर जाएंगे. ईस्टर बम हमले के बाद हो रही इस यात्रा के जरिये मोदी श्रीलंका के साथ एकजुटता का संदेश देंगे.
मोदी की मालदीव यात्रा के बारे में गोखले ने कहा कि 2011 के बाद प्रधानमंत्री स्तर की यह पहली मालदीव यात्रा होगी और इस दौरान दोनों ही पक्षों का लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों में आपसी संबंधों को और मजबूत करना है. हालांकि प्रधानमंत्री ने पिछले साल नवंबर में मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था लेकिन वह पूर्ण रूप से द्विपक्षीय यात्रा नहीं थी.
भारत और मालदीव के संबंधों में उस समय गिरावट आ गई थी जब तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने पिछले साल पांच फरवरी को अपने देश में आपातकाल लगा दिया था. हालांकि सोलिह के सत्ता संभालने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य रूप से बहाल हो गये. इस यात्रा के दौरान मोदी मालदीव की संसद को भी संबोधित करेंगे. उन्होंने बताया कि सोलिह ने भारत से आग्रह किया था कि वह उनकी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को आगे बढ़ाने में मदद करें और इस संबंध में बीसीसीआई का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले महीने इस देश का दौरा भी कर चुका है.
गोखले ने बताया कि मोदी नौ जून को श्रीलंका की यात्रा करेंगे और ईस्टर हमले के बाद पहली बार कोई विदेशी नेता श्रीलंका की यात्रा पर होगा. विदेश सचिव ने कहा कि मोदी एकजुटता के स्पष्ट संदेश के साथ श्रीलंका जा रहे हैं और वह इस बात का भी संकेत देंगे कि इस हादसे से उबरने में श्रीलंका की सरकार पर उनका पूरा भरोसा है. श्रीलंका में 21 अप्रैल को गिरजाघरों और होटलों में हुए हमले में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. उन्होंने बताया कि मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विपक्षी नेताओं सहित कई अन्य नेताओं के साथ वार्ता करेंगे.
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