Mann Ki Baat: मिनी ब्राजील कहा जाता है मध्य प्रदेश का ये गांव, पीएम मोदी ने बताया कैसे एक नेशनल खिलाड़ी ने बदल दी तस्वीर
Shahdol Village Vicharpur: पीएम मोदी ने 1 जुलाई को मिनी ब्राजील कहे जाने वाले इस गांव का दौरा किया था. इस गांव के हुनर के बारे में जानकर पीएम स्वयं आश्चर्यचकित थे.
Mini Brazil Of Madhya Pradesh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (30 जुलाई) को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से बात की. इस दौरान पीएम मोदी ने असाधारण जज्बे के साथ चुनौतियों का सामने करने वाले भारतवासियों का जिक्र किया. बात चुनौतियों की हुई तो पीएम मोदी ने भारत के एक ऐसे गांव की प्रेरणादायी कहानी सुनाई, जिसे आज मिनी ब्राजील कहा जाता है. ये गांव मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में है.
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में एक गांव है विचारपुर. इस गांव को मिनी ब्राजील कहा जाता है. मिनी ब्राजील इसलिए, क्योंकि ये गांव आज फुटबॉल के उभरते सितारों का गढ़ बन गया है. पीएम मोदी बीती 1 जुलाई को इस गांव में गए थे और इन युवा खिलाड़ियों से मिले थे.
अवैध शराब के लिए बदनाम था विचारपुर
पीएम मोदी ने बताया कि जब वे इस गांव में गए थे तो उनकी मुलाकात वहां बहुत सारे युवा फुटबाल खिलाड़ियों से हुई थी. पीएम मोदी ने फैसला किया कि इस गांव के बारे में देशवासियों को और खासतौर पर युवाओं को जानकारी देनी चाहिए.
विचारपुर गांव के मिनी ब्राजील बनने की यात्रा दो-ढाई दशक पहले शुरू हुई थी. उस समय विचारपुर अवैध शराब के लिए बदनाम था. नशे की गिरफ्त में था, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान गांव के युवाओं को हो रहा था. इसी दौरान एक पूर्व नेशनल प्लेयर और कोच रईस अहमद ने इन युवाओं की प्रतिभा को पहचाना.
हौंसले से शुरू हुआ मिशन
रईस अहमद के पास संसाधन तो नहीं थे, लेकिन हौसला था. उन्होंने पूरे मन से युवाओं को फुटबॉल सिखाना शुरू किया और सिर्फ कुछ वर्षों में फुटबाल इतना मशहूर हो गया कि विचारपुर गांव की पहचान ही फुटबॉल से होने लगी.
1200 फुटबाल क्लब
पीएम मोदी ने बताया कि अब यहां फुटबाल क्रांति नाम से एक कार्यक्रम भी चल रहा है. इसके तहत युवाओं को खेल की ट्रेनिंग दी जाती है. इस कार्यक्रम की सफलता का पता इस बात से चलता है कि विचारपुर से नेशनल और स्टेट लेवल के 40 से ज्यादा खिलाड़ी निकले हैं. ये फुटबाल क्रांति अब धीरे-धीरे फैल रही है और शहडोल और उसके आस-पास के काफी बड़े इलाके में 1200 फुटबॉल क्लब बन चुके हैं.
यहां से कई ऐसे खिलाड़ी निकले हैं, जो नेशनल और स्टेल लेवल पर खेल रहे हैं. फुटबॉल के कई बड़े पूर्व खिलाड़ी और कोच यहां युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं. जो इलाका कभी अवैध शराब और नशे के लिए बदनाम था, वो आज फुटबॉल नर्सरी बन गया है.
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