PM Modi Birthday: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 71वां जन्मदिन है. जन्मदिन के मौके पर पीएम मोदी अपनी मां से जरूर मिलते हैं. उनका आशीर्वाद लेने गुजरात जरूर जाते हैं. हर बच्चे की तरह पीएम मोदी की दुनिया भी मां के आंचल में ही बसती है. मां से मिलकर मोदी आज भी एक बच्चे की तरह की खिलखिलाते हैं. मां के हाथों ही खाते हैं और मां की बातें सुनकर खूब मुस्कुराते हैं.


आज पीएम मोदी विश्वस्तरीय नेता हैं. सैकड़ों फोन कॉल्स, अनगिनत मुलाकात और मसलों का निपटारा करना होता है. फैसले लेने होते हैं, कूटनीति से राजनीति सब कुछ संभालना होता है लेकिन इन जिम्मेदारियों के साथ-साथ वो एक बेटे का फर्ज भी बखूबी निभाते हैं. मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब भी अपने जन्मदिन के मौके पर मां से मिलने आते थे.


मां के आशीर्वाद से पीएम मोदी कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते चले गए
17 सितंबर 2013 को बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार घोषित किया था. इस दिन अपनी मां से मुलाकात के बाद नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय फलक पर ऐसे छाए कि छाते चले गए. पीएम मोदी ने 2014 में जो करिश्मा किया था, वो 2019 में बड़े चुनावी चमत्कार में बदल गया था. बीजेपी की दोबारा बंपर जीत हुई. कार्यकर्ता जश्न में डूब गए लेकिन देश जीतने के बाद पीएम मोदी, सीधे मां के कदमों में आ पहुंचे. मां के आशीर्वाद से पीएम मोदी कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते चले गए लेकिन मौका जब-जब मिला उन्होंने दुनिया को बताया कि उनके आज का अस्तित्व, अतीत में किए मां की मेहनत का ही नतीजा है.




पीएम मोदी और उनकी मां का अटूट रिश्ता
मां हीराबेन का पीएम मोदी के जीवन में कितना बड़ा स्त्रोत हैं इसका जिक्र उन्होंने फेसबुक के एक कार्यक्रम में किया था. साल था 2015 और महीना था सितंबर. पीएम मोदी फेसबुक के टाउनहॉल कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे थे. कार्यक्रम के दौरान जब मां का जिक्र आया तो पीएम भावुक हो गए थे. मां से उन्हें किस कदर लगाव है इसका जिक्र उन्होंने फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के एक सवाल के जवाब में किया था.


पीएम मोदी कई मंचों से बता चुके हैं कि उनका जीवन कितने कष्ट में बीता. पिता का देहांत हुआ तो परिवार के लालन-पालन की जिम्मेदारी मां हीराबेन के कंधों पर आ गई और मां का वो कष्ट पीएम मोदी जब भी याद करते हैं उनकी आंखें डबडबा जाती हैं.


मां हीराबेन के काटे कष्ट ने ही एक ऐसा किरदार गढ़ दिया जो चाय बेचते-बेचते देश का पीएम बन गया. मां से मिले संस्कार और अनुभव से मिली सूझबूझ ने नरेंद्र दामोदर दास मोदी को प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी बना दिया. ये नाम भी गुमानामी की गलियों में खो जाता लेकिन मां के आशीर्वाद ने मोदी को ना कभी झुकने दिया और ना ही कभी रुकने. संघ से मिली सीख ने उन्हें खुद को और तराशने का मौका दिया. बीजेपी ने भरोसा और राजनीतिक कुशलता ने मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर पहुंचा दिया.


जब पीएम मोदी ने अपने सरकारी आवास पर मां को बुलाया..
नरेंद्र मोदी 14 सालों तक मुख्यमंत्री रहे लेकिन 2014 में दिल्ली के दरवाजे उनके लिए फिर से खुले. गांधीनगर से निकलकर मोदी लुटियंस की दिल्ली पहुंचे. 7 लोक कल्याण मार्ग उनका नया पता बना. इस पूरे चुनावी सफर में मां से उनकी मुलाकात बेहद सीमित रही. मां भी दिल्ली की गलियों से दूर छोटे बेटे के साथ, छोटे से घर में गुजारा करती रही लेकिन 15 मई 2016 को दुनिया ने फिर से मां-बेटे के अटूट प्यार की तस्वीरें देखीं.


पीएम मोदी ने अपने सरकारी आवास पर मां को बुलाया था. लेकिन मां को पीएम आवास रास नहीं आया और वो फिर से गुजरात लौट गईं. अपने लाडले के घर मां का मन क्यों नहीं लगा, इसका खुलासा पीएम मोदी ने अक्षय कुमार को दिए अपने इंटरव्यू में किया था. पीएम मोदी ने कहा था, 'कभी मां को बुला लिया था मैंने. कुछ दिन उनके साथ बिताए थे और फिर भी मां ने कहा तू मेरे पास क्यों रहता है. मैं यहां क्या करुंगी तुम्हारे साथ. मैं अपना चली जाती हूं. मैं अपने पुराने गांव के जो लोग मिलने आते हैं उनसे बातें होती हैं. तुम्हारे साथ मैं क्या बात करूं.'


मां के लिए मोदी और मोदी के लिए मां, दोनों अनमोल हैं और रिश्ता अटूट है. इसीलिए पीएम मोदी हर खास मौके पर मां से जरूर मिलते हैं. आज भी पीएम मोदी का 71वां जन्मदिन है. लेकिन वो इस बार मां से मुलाकात नहीं कर सकेंगे क्योंकि उन्हें आज शंघाई कॉपरेशन आर्गनाइजेशन यानि SCO की बैठक को संबोधित करना है. लेकिन ये जरूर है कि पीएम को जब भी मौका मिले वो मां से मिलने जरूर जाएं.


ये भी पढ़ें-
E-Auction: पीएम मोदी को मिले गिफ्ट्स की नीलामी आज, ओलंपिक खिलाड़ियों के बैडमिंटन, हॉकी और जेवलिन शामिल


PM Modi Birthday: आज से 20 दिवसीय सेवा-समर्पण अभियान चलाएगी BJP, यूथ कांग्रेस मनाएगी बेरोजगार दिवस