प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय बांग्लादेश दौरा शनिवार की शाम को संपन्न हो गया. ढाका से नई दिल्ली के लिए निकलने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए बांग्लादेश के लोगों का धन्यवाद किया. इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के साथ मुलाकात को सार्थक बताया.


प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “मेरी यात्रा के दौरान जिस तरह का स्नेह बांग्लादेश की जनता ने दिखाया उसको लेकर मैं उन सभी का धन्यवाद करता हूं. मैं पीएम शेख हसीना और बांग्लादेश की सरकार का भी धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने भव्य स्वागत किया. मैं आश्वस्त करता हूं कि इस दौरे से हमारे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में और प्रगाढ़ता आएगी. ” पीएम मोदी ने आगे ट्वीट करते हुए कहा, बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद के साथ भी शानदार बैठक रही. भारत-बांग्लादेश सहयोग को लेकर हमारे बीच व्यापक चर्चा हुई.






इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथ शनिवार को वार्ता के दौरान तीस्ता जल बंटवारा समझौता संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श के जरिये पूरा करने के प्रति भारत के गंभीर एवं निरंतर प्रयासों का उल्लेख किया. प्रधानमंत्री की दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान तीस्ता मुद्दे पर चर्चा हुई.


उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने संबद्ध हितधारकों के साथ परामर्श के जरिये इस समझौते को पूरा करने के लिए भारत द्वारा गंभीर एवं निरंतर प्रयास किये जाने की बात दोहराई.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने फेनी नदी के जल बंटवारा के लिए एक मसौदा को भी शीघ्र ही अंतिम रूप देने का अनुरोध किया है, जो बांग्लादेश की ओर से लंबित है.’’

विदेश सचिव ने कहा, ‘‘नदी जल सहयोग कुछ ऐसी चीज है जो जारी है...हमारे बीच व्यापक सहयोग है.’’ उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश एक देश से दूसरे देश में बहने वाली 56 नदियों पर अभी सहयोग कर रहे हैं. पेयजल, सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता के अलावा बाढ़ एवं प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सहयोग का दायरा काफी व्यापक है.

श्रृंगला ने कहा, ‘‘हाल ही में दोनों पक्षों के जल संसाधन सचिवों की नयी दिल्ली में एक बैठक हुई थी। हम बैठक कर रहे हैं और तीस्ता मुद्दा सहित सभी अहम मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं.’’ तीस्ता नदी सिक्किम से निकलती है और बांग्लादेश में प्रवेश करने तथा ब्रह्मपुत्र नदी में मिलने से पहले पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से से होकर बहती है. इस नदी का प्रवाह बांग्लादेश के लिए मार्च से दिसंबर के बीच काफी मायने रखता है, जब वहां नदी के जल आपूर्ति की 50 प्रतिशत की जरूरत होती है.

गौरतलब है कि तीस्ता समझौते पर सितंबर 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होना था, लेकिन आखिरी क्षणों में इसे टाल दिया गया था. दरअसल, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीस्ता नदी के जल का एक बड़ा हिस्सा बांग्लादेश को दिये जाने के खिलाफ आपत्ति जताई थी.

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