(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जब मंदिर के प्रस्ताव पर UAE प्रिंस ने कहा था, जिस जमीन पर लकीर खींच दोगे दे दूंगा, पीएम मोदी ने सुनाया राष्ट्रपति नाहयान से जुड़ा किस्सा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी में मंगलवार को भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए बताया कि 2015 में वह पहली बार यूईए के दौरे पर थी और तीन दशकों में वह किसी भारतीय पीएम की पहली यूएई यात्रा थी.
'जिस जमीन पर लकीर खींच दोगे, मैं दे दूंगा', साल 2015 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह बात कही थी. तब पीएम मोदी ने उनके सामने मंदिर का प्रस्ताव रखा था. मंगलवार (13 फरवरी, 2024) को अबू धाबी में अहलन मोदी कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा कि 2015 में जब वह पहली बार यूएई के दौरे पर आए और मंदिर के लिए प्रस्ताव रखा तो क्राउन प्रिंस नाहयान ने बिना एक पल गंवाए प्रस्ताव पर हां कह दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (14 फरवरी) को बसंत पंचमी के दिन अबू धाबी में भव्य मंदिर का उद्घाटन करेंगे. कल वह संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए यूएई के क्राउन प्रिंस नाहयान से जुड़ा यह किस्सा याद करते हुए बताया कि जब उन्होंने मंदिर का प्रस्ताव रखा तो नाहयान ने कह दिया जिस जमीन पर लकीर खींच दोगे, मैं दे दूंगा.
UAE में क्या बोले पीएम मोदी?
कल यहां 'अहलन मोदी' नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पीएम मोदी ने यहां बताया कि पहली बार प्रधानमंत्री बनने के थोड़े ही समय बाद 2015 में वह यूएई के दौरे पर आए थे. तब उ्होंने प्रिंस नाहयान के सामने अबू धाबी में मंदिर के निर्माण का प्रस्ताव रखा था, जिसे प्रिंस ने बिना एक पल गंवाए पास कर दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मुझे 2015 में अपनी पहली यूएई यात्रा याद है. जब मुझे केंद्र में कुछ ही समय हुआ था. तीन दशकों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूएई की यह पहली यात्रा थी. कूटनीति की दुनिया मेरे लिए नई थी. उस समय एयरपोर्ट पर तत्कालीन युवराज और आज के राष्ट्रपति ने अपने पांच भाइयों के साथ मेरा स्वागत किया था. मैं उनकी वे गर्मजोशी और उनकी आंखों में चमक कभी नहीं भूल सकता.'
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'उस पहली मुलाकात में मुझे ऐसा लगा, जैसे किसी अपने के घर आया हूं. वह स्वागत अकेले मेरे लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का था. वह सत्कार यूएई में रहने वाले हर भारतीय के लिए था. एक वो दिन था और एक आज का ये दिन है. 10 सालों में ये यूएई की मेरी सातवीं यात्रा है. क्राउन प्रिंस नाहयान आज भी मुझे एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए थे. आज भी उनकी गर्मजोशी और अपनापन वही था. यही बात उन्हें खास बना देती है.'
700 करोड़ में बनकर तैयार हुआ आबू धाबी का मंदिर
अबू धाबी में मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) ने किया है. संस्था के प्रवक्ता ने बताया कि यह मंदिर 27 एकड़ जमीन में बना है, जिसमें 700 करोड़ रुपये का खर्च आया है. 27 एकड़ के पूरे परिसर में 13.5 एकड़ में मंदिर है, जबकि बाकी एरिया पार्किंग के लिए है. इसमें 1,400 कार और 50 बसें आ सकती हैं. उन्होंने बताया कि 13.5 एकड़ जमीन यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने साल 2019 में गिफ्ट की थी. मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है. इसकी ऊंचाई 108 फीट और लंबाई 262 एवं 180 फीट चौड़ाई है. इसमें 20,000 टन पत्थर और मार्बल का इस्तेमाल किया गया है. मंदिर में दो डोम और सात शिखर हैं. ये सात शिखर संयुक्त अरब के सात अमीरात को दिखाते हैं.
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