देश में कोरोना वायरस के मामले हर रोज रिकॉर्ड बढ़ते जा रहे हैं और मौतों की संख्या भी कम नहीं हो रही है. बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को देश में एक व्यापक समीक्षा की. इस दौरान उन्हें हर राज्य और जिलों में कोविड के फैलने को लेकर पूरी जानकारी दी गई. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी फोन पर बात की जहां हालात काफी खराब हैं. पीएम ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और झारखंड के मुख्यमंत्रियों से बात की.
समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री को उन राज्यों के बारे में जानकारी दी गई, जहां 1 लाख से अधिक मामले हैं. वहीं प्रधानमंत्री को इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित जिलों के बारे में भी बताया गया. प्रधानमंत्री को राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सेवा संबंधित बुनियादी ढांचे की तैयारी के बारे में जानकारी दी गई.
समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए काम किया जाना चाहिए. इसके अलावा त्वरित और समग्र रोकथाम उपायों को सुनिश्चित करने की जरूरत पर भी चर्चा की गई.
प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि राज्यों को ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां संक्रमण के मामलों की संख्या 10 प्रतिशत या अधिक हैं और ऑक्सीजन-युक्त या आईसीयू बेड 60 प्रतिशत से अधिक भरे हुए हैं. प्रधानमंत्री ने दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की. उन्हें रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं के उत्पादन में तीव्र बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी गई.
प्रधानमंत्री ने अगले कुछ महीनों में टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए टीकाकरण और रोडमैप की प्रगति की समीक्षा की.
प्रधानमंत्री को इस बारे में बताया गया कि राज्यों को लगभग 17.7 करोड़ टीके की आपूर्ति की जा चुकी है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने टीके की बर्बादी पर राज्यवार रूझानों की समीक्षा भी की. वहीं, प्रधानमंत्री को बताया गया कि 45 साल से अधिक उम्र के लगभग 31 प्रतिशत योग्य आबादी को कम से कम टीके की एक खुराक दी जा चुकी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है, जिससे टीकाकरण की गतिधीमी न हो. लॉकडाउन के बावजूद टीकाकरण के लिए नागरिकों को सुविधा प्रदान की जानी चाहिए और टीकाकरण में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे कामों में नहीं लगाना चाहिए.
इस बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, डॉ. हर्षवर्धन, पीयूष गोयल और मनसुख मांडविया सहित अन्य मंत्री और शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे.
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस के मामले हर दिन एक नया रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं और गुरुवार को संक्रमण के 4,12,262 नए मामले दर्ज किए गए तथा 3,980 लोगों ने इस महामारी से जान गंवाई. इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामले देश में 2,10,77,410 हो गए और मृतकों की संख्या 2,30,168 पर पहुंच गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के गुरुवार को सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 35,66,398 है जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.92 प्रतिशत है. कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर गिरकर 81.99 प्रतिशत हो गई है.
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