PM Modi UNGA Address: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन पर हमला बोला. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद, अफगानिस्तान, कोरोना वायरस वैक्सीन जैसे कई मुद्दों पर दुनिया को संबोधित किया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में सुधार की भी वकालत की. करीब 22 मिनट के संबोधन में पीएम ने विश्व के अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी.


पाकिस्तान पर बिना नाम लिए निशाना


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए उस पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है. पीएम ने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाना बहुत ज़रूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न हो. हमें इसके लिए सतर्क रहना होगा कि वहां कि नाज़ुक स्थितियों का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह को इस्तेमाल करने की कोशिश न करें.


अफगानिस्तान को लेकर क्या कहा?


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस समय अफागानिस्तान की जनता को. वहां की महिलाओं और बच्चों को, वहां के अल्पसंख्यकों को मदद की ज़रूरत है और इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा. 


कोरोना वैक्सीन पर पीएम ने कही ये बात


पीएम मोदी ने वैक्सीन को लेकर कहा कि भारत ने दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन विकसित किया है, जिसे 12 साल से ऊपर के सभी व्यक्ति को दिया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम दुनियाभर में वैक्सीन सप्लाई कर रहे हैं. पीएम ने कहा, "मैं आज दुनिया भर के वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए."


बिना नाम लिए चीन पर निशाना


पीएम मोदी ने कहा, "हमारे समंदर भी हमारी साझी विरासत है. इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि समंदर की रिसोर्सेज को हम इस्तेमाल करें, गलत इस्तेमाल न करें. हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी है. इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूज़न की दौड़ से बचाकर रखना होगा." पीएम मोदी ने कहा कि नियम आधारित वर्ल्ड ऑर्डर को सशक्त बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक सुर में आवाज़ उठानी ही होगी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता के दौरान बनी सहमति विश्व को मैरीटाइम सुरक्षा के विषय में आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है.


पीएम की यूनाइटेड नेशंस को नसीहत


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये आवश्यक है कि हम संयुक्त राष्ट्र को वैश्विक ऑर्डर (Global Order), वैश्विक वैश्विक कानूनों (Global Laws), और वैश्निक मूल्यों ( Global Values) के संरक्षण के लिए निरंतर सुदृढ़ करें. भारत के महान कूटनीतिज्ञ, आचार्य चाणक्य ने सदियों पहले कहा था कालाति क्रमात काल एव फलम् पिबति. जब सही समय पर सही कार्य नहीं किया जाता, तो समय ही उस कार्य की सफलता को समाप्त कर देता है. संयुक्त राष्ट्र को खुद को प्रासंगिक बनाए रखना है तो उसे अपनी प्रभावशीलता (Effectiveness) सुधारना होगा, विश्वसनीयता (Reliability) को बढ़ाना होगा.


पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र पर आज कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इन सवालों को हमने जलवायु संकट (Climate Crisis) में देखा है, कोरोना काल के दौरान देखा है. दुनिया के कई हिस्सों में चल रही प्रॉक्सी वॉर, आतंकवाद और अभी अफगानिस्तान संकट ने इन सवालों को और गहरा कर दिया है.


अपनी योजनाओं का किया ज़िक्र


पीएम मोदी ने कहा कि बीते 7 वर्षों में भारत में 43 करोड़ से ज्यादा लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया है. 36 करोड़ से अधिक ऐसे लोगों को बीमा कवच मिला है जो पहले इस बारे में सोच भी नहीं सकते थे. उन्होंने कहा कि 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त इलाज का लाभ देकर उन्हें क्वालिटी हेल्थ से जोड़ा है.


उन्होंने कहा कि मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की हमारी हजारों वर्षों की महान परंपरा ने इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश में प्रवेश किया. हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है. एक ऐसा देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन-सहन, खानपान हैं. ये वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का बेहतरीन उदाहरण है.



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