नई दिल्ली: पीएम मोदी ने आज राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के परिसर में स्वामी विवेकानंद की आदमकद मूर्ति का अनावरण किया. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस अनावरण कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे.


इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि ये प्रतिमा देश को युवा के विजन के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे, जो स्वामी जी की अपेक्षा रही है. ये प्रतिमा हमें स्वामी जी के सशक्त-समृद्ध भारत के सपने को साकार करने की प्रेरणा देती रहे.


पीएम मोदी ने कहा, ''ये प्रतिमा हमें राष्ट्र के प्रति अगाध समर्पण सिखाए, प्रेम सिखाए जो स्वामी जी के जीवन का सर्वोच्च संदेश है. ये प्रतिमा देश को विजन ऑफ वननेस के लिए प्रेरित करे, जो स्वामी जी के चिंतन की प्रेरणा रहा है.''


उन्होंने कहा, ''मेरी कामना है कि JNU में लगी स्वामी जी की ये प्रतिमा, सभी को प्रेरित करे, ऊर्जा से भरे. ये प्रतिमा वो साहस दे, जिसे स्वामी विवेकानंद प्रत्येक व्यक्ति में देखना चाहते थे.''


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘किसी एक बात, जिसने हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है- वो है राष्ट्रहित से ज्यादा प्राथमिकता अपनी विचारधारा को देना. क्योंकि मेरी विचारधारा ये कहती है, इसलिए देशहित के मामलों में भी मैं इसी सांचे में सोचूंगा, इसी दायरे में काम करूंगा, ये गलत है.’’


उन्होंने कहा कि आज हर कोई अपनी विचारधारा पर गर्व करता है और ये स्वाभाविक भी है लेकिन फिर भी, ‘‘हमारी विचारधारा राष्ट्रहित के विषयों में, राष्ट्र के साथ नजर आनी चाहिए, राष्ट्र के खिलाफ नहीं’’.


पीएम मोदी ने कहा कि आज देश आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य और संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. देश का युवा दुनियाभर में ब्रांड इंडिया का ब्रांड एंबेसडर हैं. हमारे युवा भारत के कल्चर और ट्रेडिशन का प्रतिनिधित्व करते हैं. आपसे अपेक्षा सिर्फ हज़ारों वर्षों से चली आ रही भारत की पहचान पर गर्व करने भर की ही नहीं है, बल्कि 21वीं सदी में भारत की नई पहचान गढ़ने की भी है.


इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा था कि स्वामी विवेकानंद के सिद्धांत और संदेश आज भी देश के युवाओं को राह दिखाते हैं और भारत को गर्व है कि यहां पैदा हुई उनकी जैसी महान शख्सियत आज भी दुनिया भर के करोड़ों लोगों को प्रेरित करती है


बयान में कहा गया था, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते रहे हैं कि स्वामी विवेकानंद के आदर्श जितने उनके जीवनकाल में प्रासंगिक थे वह आज भी हैं. प्रधानमंत्री ने हमेशा जोर दिया है कि लोगों की सेवा करने और युवाओं को सशक्त बनाने से देश शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनता है और इससे देश की वैश्विक साख भी बढ़ती है. भारत की समृद्धि और शक्ति यहां के लोगों में निहित है और सभी को सशक्त करने से ही देश आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल कर सकेगा.’’