जो बाइडेन संग मुलाकात में क्या रहेगा पीएम मोदी का एजेंडा? चीन से लेकर आतंकवाद पर होगी चर्चा | पढ़ें 10 बड़े पॉइंट्स
PM Modi US Visit: अमेरिका दौरे पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि जो बाइडेन के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता भारत-अमेरिका साझेदारी को और गहरा करेगी. पीएम दूसरे देश के नेताओं से भी मिलेंगे.
PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (21 सितंबर 2024) को तीन दिवसीय अमेरिका दौरे के लिए रवाना हो गए हैं. अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के बीच पीएम मोदी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है. इस दौरे पर पीएम क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब मीडिल ईस्ट में इजरायल और हिजलबुल्लाह के बीच तनाव बढ़ा हुआ है तो वहीं रूस-यूक्रेन जंग को लेकर भी दुनियाभर में बहस छिड़ी हुई है. आइए समझते हैं पीएम मोदी के अमेरिका दौरे की 10 बड़ी बातें.
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 10 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 7.30 बजे) मेरिका के फिलाडेल्फिया पहुंचेंगे और फिर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के होम टाउन विलमिंगटन, डेलावेयर जाएंगे, जहां दोनों नेता द्विपक्षीय चर्चा करेंगे. यहां दोनों देशों के बीच संबंधों के अलावा, पीएम मोदी की रूस-यूक्रेन दौरे और दोनों देशों के बीच संभावित शांति प्रक्रिया पर भी चर्चा होने की संभावना है.
2. भारत-अमेरिका स्पेस सहयोग के बारे में घोषणा की जा सकती है, जिसके के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की यात्रा करेंगे. साथ ही भारत और अमेरिका के बीच अरबों डॉलर के प्रीडिएटर ड्रोन समझौते पर भी बात हो सकती है. हालांकि ये अभी स्पष्ट नहीं है कि पीएम मोदी की यात्रा के दौरान इसकी घोषणा होगी या नहीं.
3. क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के पीएम फुमियो किशिदा भी शामिल होंगे. क्वाड शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत में शांति, प्रगति और स्थिरता पर जोर दिया जाएगा. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि इस सम्मेलन में चीन का एजेंडी शीर्ष पर होगा. भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि क्वाड नेता स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और आतंकवाद रोधी क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा करेंगे.
4. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्यूयॉर्क जाएंगे, जहां वह 22 सितंबर 2024 को लॉन्ग आइलैंड में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे. यहां वह प्रमुख कंपनियों के सीईओ के साथ मुलाकात भी करेंगे. इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग बायोटेक्नोलॉजी और सेमीकंडक्टर के अत्याधुनिक क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की जाएगी.
5. पीएम मोदी अपने दौरे के तीसरे दिन (23 सितंबर 2024) को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में संयुक्त राष्ट्र महासभा United Nations General Assembly) में समिट ऑफ फ्यूचर को संबोधित करेंगे. इस समिट का विषय बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसे पीढ़ी में एक बार होने वाला संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन कहा है.
6. संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुनिया के कुछ दूसरे नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा करने की भी संभावना है.
7. इस साल नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है, जिसमें यह माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे का मुकाबला होगा. इस बीच ट्रंप ने पीएम मोदी को शानदार व्यक्ति बताते हुए कहा कि उनसे मुलाकात करेंगे. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि ट्रंप से पीएम मोदी की मुलाकात होगी या नहीं.
8. अमेरिका के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा, "मैं क्वाड शिखर सम्मेलन में अपने सहयोगियों राष्ट्रपति बाइडेन, प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ बैठक करने के लिए उत्सुक हूं. यह मंच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए काम करने वाले समान विचारधारा वाले देशों के एक प्रमुख समूह के रूप में उभरा है."
9. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता भारत-अमेरिका साझेदारी को और गहरा करने के लिए नए रास्ते तलाशने का मौका देगी. संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "भविष्य का शिखर सम्मेलन वैश्विक समुदाय के लिए मानवता की बेहतरी के लिए आगे की राह तय करने का अवसर है. मैं मानवता के छठे हिस्से के विचारों को साझा करूंगा क्योंकि शांतिपूर्ण और सुरक्षित भविष्य में उनकी हिस्सेदारी दुनिया में सबसे अधिक है."
10. पीएम मोदी ने कहा है कि वह भारतीय प्रवासी समुदाय और अमेरिकी महत्वपूर्ण व्यावसायिक नेताओं से बातचीत करेंगे. उनका कहना है कि यह यात्रा दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी लोकतंत्रों (भारत और अमेरिका) के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगी.
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