MQ-9B Reaper Armed Drone Deal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन गुरुवार (22 जून) को दोनों देशों के सैन्य और आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में रक्षा और वाणिज्य सौदों की एक पूरी सीरीज की घोषणा कर सकते हैं.
पीएम मोदी अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं. गुरुवार को वह व्हाइट हाउस का राजकीय दौरा करेंगे. इसी दौरान करारों की घोषणा की संभावना है. व्हाइट हाउस ने एक बयान में बताया कि पीएम मोदी और बाइडेन जनरल एटॉमिक्स कंपनी के एमक्यू-9बी प्रीडेटर (रीपर) ड्रोन के सौदे के बारे में घोषणा करेंगे. भारत इस अमेरिकी कंपनी ऐसे 30 ड्रोन खरीद रहा है.
चीन से लगी सीमा पर भारत की निगरानी क्षमता में होगा इजाफा
माना जा रहा है कि भारत के पास एमक्यू 9बी रीपर होने से हिंद महासागर और चीन के साथ लगी सीमा पर निगरानी क्षमताओं में इजाफा होगा. पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से करीब एक हफ्ते पहले (15 जून को) भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने जनरल एटॉमिक्स से ये ड्रोन खरीदने का प्रस्ताव पास कर दिया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी की बैठक में प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई गई थी.
तीन अरब डॉलर का है करार
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जनरल एटॉमिक्स से 30 एमक्यू-9बी रीपर ड्रोन खरीदने के लिए करीब तीन अरब डॉलर की रकम खर्च होगी. एमक्यू 9बी ड्रोन के दो वैरिएंट हैं, जिनमें स्काई गार्डियन और सी गार्डियन शामिल हैं.
सी गार्डियन वैरिएंट भारत के तीनों सशस्त्र बलों के बेड़े में शामिल किया जाएगा. समुद्र की निगरानी हो या पनडुब्बी रोधी जंग, ये ड्रोन कई रोल में फिट है. पिछले दिनों सूत्रों ने जानकारी दी थी कि अमेरिकी कंपनी से खरीदे जाने वाले 30 ड्रोन में से नौसेना को 14 और वायुसेना और थलसेना को 8-8 ड्रोन मिल सकते हैं.
MQ-9B प्रीडेटर रीपर ड्रोन की कुछ खासियतें
एमक्यू-9 रीपर ड्रोन 500 फीसदी ज्यादा पेलोड ले जा सकता है और इसका हॉर्स पावर पहले के एमक्यू-1 प्रीडेटर की तुलना में नौ गुना है. लगातार निगरानी करने समेत कई प्रकार से इसकी क्षमता ज्यादा बताई गई है.
जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स के मुताबिक, एमक्यू-9 रीपर की क्षमता 27 घंटे से ज्यादा है. इसकी स्पीड 240 केटीएएस है. यह 50,000 फीट तक उड़ान भर सकता है और इसकी पेलोड क्षमता 3,850 पाउंड (1,746 किलोग्राम) है, जिसमें 3,000 पाउंड (1,361 किलोग्राम) के एक्सटर्नल स्टोर्स शामिल हैं.
बता दें कि 2020 में भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में निगरानी के लिए जनरल एटॉमिक्स से दो एमक्यू-9बी सी गार्जियन ड्रोन एक साल की अवधि के लिए लीज पर लिए थे. बाद में लीज की अवधि बढ़ा दी गई थी.