PM Modi In Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (17 दिसंबर) से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यहां वह सोमवार (18 दिसंबर) को करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे लेकिन उससे पहले रविवार को उन्होंने सरकारी योजनाओं से संबंधित 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' को संबोधित किया और नमो घाट से ‘काशी तमिल संगमम’ के दूसरे संस्करण की शुरुआत की.
पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा एक प्रकार से उनकी भी कसौटी है. वहीं, उन्होंने काशी और तमिल के बीच एक अद्भुत संबंध बताया. आइये जानते हैं कि विकसित भारत संकल्प यात्रा और काशी तमिल संगमम क्या हैं.
क्या है विकसित भारत संकल्प यात्रा?
विकसित भारत संकल्प यात्रा एक सरकारी पहल है जो आयुष्मान भारत, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा, पीएम स्वनिधि आदि जैसी प्रमुख केंद्रीय योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके कार्यान्वयन पर नजर रखने के लिए पूरे देश में चलाई जा रही है.
विकसित भारत संकल्प यात्रा के हैं चार उद्देश्य
विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिये भारत की सभी ग्राम पंचायत, नगर पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों को कवर किया जाना है. इस पहल की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, विकसित भारत संकल्प यात्रा के चार उद्देश्य हैं. पहला- उन वंचित लोगों तक पहुंचना जो विभिन्न योजनाओं के तहत पात्र हैं लेकिन अभी तक लाभ नहीं उठाया है. दूसरा- योजनाओं के बारे में जानकारी का प्रसार और जागरूकता पैदा करना. तीसरा- सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ उनकी व्यक्तिगत कहानियों और अनुभव साझा करने के माध्यम से बातचीत और चौथा- यात्रा के दौरान पता लगाए गए विवरण के माध्यम से संभावित लाभार्थियों का नामांकन करना.
यह अभियान भारत सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की सक्रिय भागीदारी के साथ संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण अपनाकर चलाया जा रहा है.
एक महीने पहले शुरू हुई थी ये यात्रा
विकसित भारत संकल्प यात्रा पिछले 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी से शुरू की गई थी लेकिन पांच राज्यों (जहां हाल में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं) में 16 दिसंबर को इसका शुभारंभ किया गया. पीएम मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इसे हरी झंडी दिखाई थी. दरअसल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव की वजह से आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण यह यात्रा शुरू नहीं हो सकी थी.
2.50 करोड़ से ज्यादा नागरिकों तक पहुंची यात्रा
पीआईबी के अनुसार केवल एक महीने की अवधि में विकसित भारत संकल्प यात्रा देश की 68,000 ग्राम पंचायतों में 2.50 करोड़ से ज्यादा नागरिकों तक पहुंच गई है. लगभग 2 करोड़ लोगों ने विकसित भारत संकल्प लिया है और केंद्र सरकार की योजनाओं के 2 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों ने 'मेरी कहानी मेरी जुबानी' पहल के तहत अपने अनुभव साझा किए हैं. लोग योजना की वेबसाइट पर एक फॉर्म भरकर और एक प्रमाणपत्र डाउनलोड करके 'संकल्प' ले सकते हैं.
क्या है काशी तमिल संगमम?
काशी तमिल संगमम पिछले वर्ष शुरू हुआ था. इस बार इसका दूसरा संस्करण 17 से 31 दिसंबर तक चलेगा. इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर और दक्षिण भारत के बीच ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध के कई पहलुओं का जश्न मनाना है. इस कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु और वाराणसी के विभिन्न सांस्कृतिक समूह काशी में प्रस्तुति देंगे.
काशी तमिल संगमम का उद्देश्य
पीआईबी के अनुसार, लोगों से लोगों को जोड़ने के इस कार्यक्रम का व्यापक उद्देश्य काशी और तमिलनाडु के बीच जीवंत संबंधों को पुनर्जीवित करना है, जो कि प्राचीन भारत से शिक्षा और संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्र हैं. इस तरह ज्ञान और संस्कृति की इन दो परंपराओं को एक साथ लाना है... इस कार्यक्रम का उद्देश्य दो संस्कृतियों के बीच प्राचीन बौद्धिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और कला के जुड़ाव को फिर से खोजना और मजबूत करना है.
कार्यक्रम में क्या कुछ है खास?
सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस आयोजन के दौरान तमिल और काशी की कला-संस्कृति, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन और अन्य विशेष उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल लगाए गए हैं. उत्सव के दौरान मॉडर्न इनोवेशंस, बिजनेस एक्सचेंज, एडटेक और अन्य अगली पीढ़ी की तकनीकियों के साथ-साथ साहित्य, प्राचीन ग्रंथ, दर्शन, अध्यात्म, संगीत, नृत्य, नाटक आदि विषयों पर सेमिनार, चर्चा, व्याख्यान आदि के आयोजन होंगे.
इस आयोजन के लिए पूरे तमिलनाडु से 'गंगा' नामक छात्रों के समूह वाला प्रतिनिधियों का पहला बैच रविवार को काशी पहुंचा. शिक्षकों (यमुना), पेशेवरों (गोदावरी), आध्यात्मिक सदस्यों, (सरस्वती), किसानों और कारीगरों (नर्मदा), लेखकों (सिंधु) और व्यापारियों और कारोबारियों (कावेरी) के छह और समूह आने वाले दिनों में यहां पहुंचेंगे. काशी तमिल संगमम के दूसरे संस्करण के दौरान तमिलनाडु और पुडुचेरी के 1,400 लोग वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा करेंगे.
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