PM मोदी का बंगाल और ओडिशा दौरा कल, ममता का 15 हज़ार करोड़ के नुकसान का दावा
यास तूफ़ान ने बंगाल में भी भारी तबाही मचाई है. पीएम नरेन्द्र मोदी कल वहां प्रभावित इलाक़ों का जायज़ा लेंगे. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ वे खड़गपुर में बैठक करेंगे. ममता सरकार ने तूफान के चलते 15 हज़ार करोड़ रुपयों के नुकसान का दावा किया है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल ओडिशा और बंगाल के तूफान प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगे. हाल में ही तौकते (ताउते) की तबाही का जायज़ा लेने वे गुजरात भी गए थे. मोदी के दौरे से पहले ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने आज हवाई सर्वे किया. हेलिकॉप्टर से नीचे पानी में डूबे इलाकों को देख कर वे बोले 'ये तो बहुत डरावना है, बड़ी तबाही हुई है.' तूफान प्रभावित इलाकों का सर्वे करने के बाद भुवनेश्वर लौट कर उन्होंने अफसरों के साथ मीटिंग की.
अब तक तय नहीं हो पाया है कि ओडिशा में जान माल का कितना नुकसान हुआ है. बालासोर, भद्रक, जगतसिंहपुर, और मयूरगंज जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. करीब 5 लाख लोगों को साइक्लोन सेंटर में ठहराया गया है. जहां कम्यूनिटी किचन से उन्हें खाना मिल रहा है.
नवीन पटनायक सरकार ने 128 प्रभावित गांव के लोगों के लिए राशन फ्री कर दिया है. यास तूफान के कारण समुद्र से सटे कई इलाक़ों में पानी भर गया है. तूफान के साथ भारी बारिश हुई और तेज हवा चली.
पीएम मोदी भुवनेश्वर में नवीन पटनायक के साथ मीटिंग करेंगे. उससे पहले ओडिशा सरकार इसका आकलन कर रही है कि तूफान के चलते कितना नुकसान हुआ है. जैसे कितने घर बर्बाद हुए, कितने लोगों की जान गई, कितने मवेशी मारे गए, खेती में कितनी बर्बादी हुई.
नवीन पटनायक सरकार ने अगले 24 घंटे में बिजली और पानी सप्लाई ठीक कर लेने का दावा किया है. बिजली के खंभे गिर जाने से कई इलाकों में अंधेरा है. पीने के पानी की भी समस्या हो गई है. वैसे तूफान जैसी आपदा से निपटने में नवीन पटनायक सरकार का लोहा सब मानते हैं. वहां तूफान आने से पहले और फिर बाद में, दो तरह की तैयारी की अलग अलग रणनीति बनती है.
यास तूफ़ान ने बंगाल में भी भारी तबाही मचाई है. पीएम नरेन्द्र मोदी कल वहां प्रभावित इलाक़ों का जायज़ा लेंगे. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ वे खड़गपुर में बैठक करेंगे. ममता सरकार ने तूफान के चलते 15 हज़ार करोड़ रुपयों के नुकसान का दावा किया है. कहा जा रहा है कि 3 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बड़ी संख्या में बांध टूट गए हैं. राज्य सरकार का दावा है कि 15 लाख लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. ममता ने बंगाल में राहत और बचाव का काम चलाने के लिए एक टास्क फ़ोर्स भी बनाया है. पिछले साल भी बंगाल में उमफुन तूफ़ान ने भारी तबाही मचाई थी. वो सुपर साइक्लोन था. तब भी मोदी ने ममता के साथ हवाई सर्वे किया था.