PM Modi President Putin Meeting: भारत और रूस के बीच होने वाले 21वें वार्षिक सम्मेलन में पहली बार दोनों देशों के बीच रिकॉर्ड 28 समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शिखर सम्मेलन के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि समझौता ज्ञापनों के अलावा 10 सालों के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर भी दोनों देशों के बीच सहमति बनी है, जो कि 2021 से 2031 तक के लिए होगी. 


दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, संकृति, बौद्धिक संपदा और शिक्षा समेत कई क्षेत्रों में समझौते हुए हैं. पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात के बाद हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बेहतरीन चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन का दौरा छोटा था लेकिन अत्यधिक उत्पादक और अत्यधिक वास्तविक था.








अफगानिस्तान पर हुई चर्चा


हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि मोदी और पुतिन ने अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच करीबी सहयोग और विचार-विमर्श जारी रखने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा, "दोनों पक्ष इस बात को लेकर स्पष्ट रहे कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग किसी भी तरह के आतंकी कृत्यों की साजिश, प्रशिक्षण और आश्रय के लिए नहीं किया जाना चाहिए." 


विदेश सचिव ने कहा कि वार्ता के दौरान ऊर्जा के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद से निपटने पर भी जोर दिया गया और दोनों पक्षों ने इसे साझा हितों वाला क्षेत्र करार दिया. श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों ने सीमा-पार आतंकवाद से लड़ने की आवश्यकता पर भी बल दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का मुद्दा उठाया या नहीं? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत की सुरक्षा संबंधी सभी चिंताओं पर चर्चा हुई.


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