नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये टीम इंडिया पर जोर दिया है और कहा है कि भारत राज्यों के सहयोग से 2024 तक 5000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने यह जानकारी दी.


नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक के बाद राजीव कुमार ने कहा, ‘‘बैठक में प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को गति देने और 2024 तक 5 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये टीम इंडिया पर जोर दिया. उनका कहना था कि केंद्र और राज्यों के सहयोग से ही यह हासिल किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था राज्यों से ही चलेगी.’’


इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को 5000 अरब डालर का करने के लिये सभी राज्यों को प्रयास करना होगा. वे अपना लक्ष्य तय करेंगे और उसे हासिल करने की दिशा में काम करेंगे. इसी प्रकार, निर्यात के मामले में प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से निर्यात पर जोर देने को कहा और उन्हें इस मामले में प्रतिस्पर्धी बनने पर बल दिया.


नीति आयोग के उपाध्यक्ष के अनुसार बैठक में पांच एजेंडे, वर्षा जल संचयन, सूखे की स्थिति और राहत उपाय, पिछड़ों जिलों में विकास में तेजी, कृषि क्षेत्र में बदलाव, नक्सल प्रभावित जिलों पर विशेष जोर के साथ सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई और सभी राज्यों ने अहम सुझाव दिये. उन्होंने कहा कि बैठक में जल संरक्षण पर विशेष जोर दिया गया.


सूखे और बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिये राज्यों उससे जुड़े नियमों की समीक्षा की जरूरत को रेखांकित किया गया और गृह मंत्री अमित शाह ने इस दिशा में कदम उठाने का भरोसा दिया. कुमार ने कहा कि बैठक में सभी राज्यों का कृषि पर जोर रहा और संरचनातमक सुधारों के लिये एक उच्च स्तरीय कार्य बल के गठन का निर्णय किया गया. इसमें कुछ केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. इस बारे में एक-दो दिन में घोषण की जाएगी.


बैठक में कृषि प्रसंस्करण, मूल्य वर्द्धन और कृषि विविधीकरण पर विशेष जोर दिया गया. कुमार के अनुसार बैठक में पिछड़ा जिलों में विकास की रफ्तार तेज करने की योजना को सभी राज्यों से सराहा. इसे अब प्रखंड स्तर पर ले जाने का प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि अगर देश के पिछड़े जिले राष्ट्रीय स्तर पर आ जाएं तो सभी आंकड़े बदल जाएंगे.


कुमार के अनुसार नक्सल प्रभावित जिलों और हिंसा पर भी व्यापक चर्चा हुई. राज्यों के मिलकर काम करने और जरूरी सूचना साझा करने से नक्सली हिंसा पर अंकुश लगा है. उन्होंने कहा कि बैठक में गृह मंत्री ने इस मामले में हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया. बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र से राज्यों को दी जाने वाली राशि लगभग दोगुनी हुई है.


कुमार के अनुसार 2011-12 से 2014-15 तक राज्यों को केंद्र से 20 लाख करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई जो चार साल में 97 फीसदी बढ़कर 41 लाख करोड़ रुपये पहुंच गयी है. इसी प्रकार, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिये राशि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. यह पूछे जाने पर कि कौन-कौन से राज्यों ने विशेष दर्जा देने की मांग की, कुमार ने इसका उत्तर देने से इनकार करते हुए कहा कि वह इस बारे में कुछ भी कहने में असमर्थ हैं. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक स्थिति एक अवसर है और हमें इसका लाभ उठाना चाहिए.