SCO समिट में शामिल होंगे PM मोदी, विदेश मंत्रालय ने बताया किन नेताओं से होगी मुलाकात, क्या रहेगा एजेंडा
SCO Summit 2022: विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि इस समिट के दौरान कारोबार और पर्यटन भी बातचीत होगी. पीएम मोदी आज शाम तक उज़्बेकिस्तान के समरकंद पहुंच जाएंगे.
SCO Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज़्बेकिस्तान के समरकंद के लिए रवाना हो रहे हैं. जहां वो SCO समिट में हिस्सा लेंगे. कोरोना महामारी के बाद पहली बार सभी स्थायी सदस्य देशों के नेता एक मंच पर मौजूद रहेंगे. ये SCO समिट कई मायनों में खास माना जा रहा है, क्योंकि इसमें पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा ले रहे हैं. इस समिट के लिए पीएम मोदी के रवाना होने से पहले विदेश मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई.
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए बताया कि, इस सम्मेलन में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी. इसके अलावा आतंकवाद से निपटने के उपायों को लेकर भी चर्चा होगी.
किन नेताओं से होगी मुलाकात
एससीओ समिट के दौरान पीएम मोदी की मुलाकातों को लेकर विदेश सचिव ने बताया कि, इस दौरान पीएम मोदी की उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बातचीत होगी. साथ ही अन्य नेताओं से भी पीएम मोदी की बातचीत होगी. हालांकि विदेश सचिव की तरफ से ये नहीं बताया गया कि पीएम मोदी की मुलाकात शी जिनपिंग और पाक पीएम शहबाज शरीफ से होगी या नहीं. जब विदेश सचिव से पूछा गया कि क्या चीन के राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय मुलाकात होगी? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि, जैसा मैंने कहा मेज़बान देश के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात समेत अन्य नेताओं से मिलेंगे. फिलहाल इससे अधिक हम कुछ भी कहना नहीं चाहेंगे. जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ेगा हम आपको सूचित करते रहेंगे.
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि इस समिट के दौरान कारोबार और पर्यटन भी बातचीत होगी. पीएम मोदी आज शाम तक उज़्बेकिस्तान के समरकंद पहुंच जाएंगे. जिसके बाद वो कल 16 सितंबर को समिट में हिस्सा लेंगे. इस समिट में दो सेशन होंगे. पहला सेशन सिर्फ SCO देशों का होगा. जिसमें स्थायी सदस्य ही हिस्सा ले सकते हैं. इसके बाद दूसरे सेशन में ऑब्जर्वर देश भी शामिल होंगे.
विदेश सचिव ने बताया कि इस पूरे समिट के दौरान सुरक्षा, कनेक्टिविटी, ट्रेड, टूरिज्म और अन्य मामलों पर विस्तार से चर्चा होगी. भारत सेंट्रल एशिया और पड़ोसी मुल्कों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने पर जोर देगा. बता दें कि SCO के संस्थापक सदस्य देशों में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके पूर्णकालिक सदस्यों के रूप में शामिल हुए थे.
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