नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार में ‘ऐतिहासिक’ कोसी रेल महासेतु के साथ यात्री सुविधाओं से संबंधित रेल की 12 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. कोसी रेल महासेतु की लम्बाई 1.9 किलोमीटर है और इसके निर्माण पर 516 करोड़ रुपये की लागत आई है.
महासेतु के शुरू होने से आसपास के क्षेत्र के लोगों का उत्तरपूर्वी क्षेत्रों के साथ संपर्क काफी आसान हो जाएगा. कार्यक्रम आज दोपहर 12 बजे होगा. 1887 में निरमाली और भापतियही (सरायगढ़) के बीच मीटर गेज का निर्माण किया गया था. भारी बाढ़ और 1934 में आए विनाशकारी भूंकप से यह रेल लिंक बह गया था. भारत सरकार ने साल 2003-04 को कोसी मेगा ब्रिज प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी.
भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित सेतु का रणनीतिक महत्व है. इसका निर्माण कार्य कोरोना काल के दौरान पूरा हुआ है और इसमें प्रवासी मजदूरों ने भी अपना योगदान दिया है. इसके अलावा मोदी जिन 12 रेल परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे उनमें किउल नदी पर एक रेल सेतु, दो नई रेल लाइनें, पांच विद्युतीकरण से संबंधित, एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव शेड और बाढ़ और बख्तियारपुर में तीसरी लाइन परियोजना भी शामिल है.
पीएम इस मौके पर सहरसा-असनपुर कुपहा रेल सेवा को सुपौल स्टेशन से हरी झंडी दिखाएंगे. इस रेल सेवा की शुरुआत से सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को बहुत सुविधाएं मिलेंगी. कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसी लंबी दूरी में भी सहूलियत होगी. मोदी मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी, समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर, समस्तीपुर-खगड़िया और भागलपुर-शिवनारायणपुर रेलखंडों के विद्युतीकरण परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.
पिछले कुछ दिनों में पीएम बिहार में दर्जन भर से अधिक परियोजनाओं की सौगात दी है. बिहार में अक्टूबर-नवम्बर में विधानसभा के चुनाव होने हैं. चुनाव आयोग कभी भी राज्य में चुनाव की घोषणा कर सकता है. ये रेल पुल और सड़क नेपाल सीमा के समानांतर बना हुआ है, इसलिए भी इसका खास महत्व है.
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