Integrated Transit Corridor Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में सुबह 10:30 बजे प्रगति मैदान इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना (Pragati Maidan Integrated Transit Corridor Project) की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास राष्ट्र को समर्पित करेंगे.
बताया जा रहा है कि, ये परियोजना प्रगति मैदान पुनर्विकास परियोजना का एक अभिन्न अंग है. प्रधानमंत्री इस अवसर पर एक सभा को भी संबोधित करेंगे. पीएमओ से मिली जानकारी के मुताबिक, पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना को 920 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है.
परियोजना का उद्देश्य
परियोजना का उद्देश्य प्रगति मैदान में विकसित किए जा रहे नए विश्व स्तरीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर तक सुगम पहुंच प्रदान करना है, जिससे प्रगति मैदान में होने वाले कार्यक्रमों में प्रदर्शकों और आगंतुकों की आसानी से भागीदारी हो सके. इस परियोजना का प्रभाव प्रगति मैदान से बहुत आगे का होगा क्योंकि यह वाहनों की परेशानी मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करेगा साथ ही इससे यात्रियों के समय और आवाजाही पर आने वाली लागत को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी.
आवाजाही होगी आसान
पीएमओ के मुताबिक मुख्य सुरंग पुराना किला रोड के माध्यम से रिंग रोड को इंडिया गेट से जोड़ती है. उसके मुताबिक छह लेन में इस विभाजित सुरंग के कई उद्देश्य हैं, जिसमें प्रगति मैदान की विशाल बेसमेंट पार्किंग तक पहुंच शामिल है. इस सुरंग का एक अनूठा घटक ये है कि पार्किंग स्थल के दोनों ओर से यातायात की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए मुख्य सुरंग सड़क के नीचे दो क्रॉस सुरंगों का निर्माण किया गया है.
‘‘ऐतिहासिक मशाल रिले’’ की होगी शुरुआत
बता दें, आज ही के दिन शाम के वक्त पीएम मोदी दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 44वें शतरंज ओलंपियाड के लिए ‘‘ऐतिहासिक मशाल रिले’’ की शुरुआत करेंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे. बता दें, इस साल ये पहली बार है कि अंतरराष्टीय शतरंज महासंघ (फिडे) ने शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले की शुरुआत की जो ओलंपिक परंपरा का हिस्सा है और जिसे शतरंज ओलंपियाड में अब तक कभी शामिल नहीं किया गया था.
पीएमओ ने कहा कि शतरंज के साथ भारत के रिश्ते को और नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से शतरंज ओलंपियाड के लिए मशाल रिले की यह परंपरा अब हमेशा भारत से शुरू होगी और मेजबान देश तक पहुंचने से पहले सभी महाद्वीपों से हो कर गुजरेगी. फिडे के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच इस मशाल को प्रधानमंत्री को सौंपेंगे, जिसे प्रधानमंत्री आगे ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को सौंपेंगे. इस मशाल को आयोजन स्थल महाबलीपुरम पहुंचने से पहले 40 दिनों की अवधि के दौरान देश के 75 शहरों में ले जाया जाएगा.
बता दें, 44वां शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से लेकर 10 अगस्त 2022 के दौरान महाबलीपुरम में आयोजित किया जाएगा. 1927 से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का आयोजन पहली बार भारत में और 30 साल बाद एशिया में किया जा रहा है. पीएमओ के मुमाबिक 189 देशों की भागीदारी के साथ यह किसी भी शतरंज ओलंपियाड में अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी.
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