Delhi-Mumbai Expressway Inauguration: दिल्ली से जयपुर सिर्फ 2 घंटे में, 4 फरवरी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
Delhi-Mumbai Expressway First Phase: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले फेज में हरियाणा के सोहना से राजस्थान का दौसा के बीच ही यातायात शुरू सकेगा. सोहना से दौसा के बीच की लंबाई 225 किलोमीटर है.
Delhi-Mumbai Expressway: मोदी सरकार (Modi Government) में देश में सड़कों का जाल तेजी से बिछाया जा रहा है. देश के सभी बड़े शहरों को आपस में जोड़ने का काम तेजी से जारी है. इसी कड़ी में दिल्ली से मुंबई का सफर अब आसान होने वाला है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) का पहला फेज बनकर तैयार हो चुका है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीएम मोदी (PM Modi) 4 फरवरी को इसके पहले फेज में सोहना-दौसा खंड (Sohna-Dausa Section) का उद्घाटन करने वाले हैं.
यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होने वाला है. दिल्ली से मुम्बई की दूरी लगभग 1,350 किलोमीटर है. वहीं पहले फेज में हरियाणा के सोहना से राजस्थान का दौसा के बीच ही यातायात शुरू सकेगा. सोहना से दौसा के बीच की लंबाई 225 किलोमीटर है. पहले फेज का उद्घाटन हो जाने से दिल्ली से जयपुर का सफर काफी आसान हो जाएगा. एक्सप्रेसवे के खुल जाने से दिल्ली और जयपुर के बीच यात्रा के समय को लगभग दो घंटे कम हो जाएगा.
Prime Minister Narendra Modi will inaugurate the Sohna-Dausa stretch of the Delhi-Mumbai Expressway on 4th February. The Expressway will reduce the travel time between Delhi and Jaipur to around two hours. pic.twitter.com/bthJvF8Cc6
— ANI (@ANI) January 30, 2023
दिल्ली-मुंबई जाने में 12 घंटे का समय बचेगा
इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए सरकार ने 5 साल का लक्ष्य रखा था. इस प्रोजेक्ट की आधारशिला 9 मार्च 2018 को रखी गई थी और 2024 में चुनाव से पहले इसके उद्घाटन की संभावना है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद कार से महज 12 घण्टे में दिल्ली से मुम्बई का सफर तय हो सकेगा. फिलहाल इस दूरी को तय करने में अभी लगभग 24 घण्टे लगते हैं.
1 लाख करोड़ रुपये की आएगी लागत
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर करीब एक लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है. जानकारी के मुताबिक, इसके निर्माण में 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल होगा जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है. साथ ही इसमें 35 करोड़ क्यूबिक मीटर मिट्टी और 80 लाख टन सीमेंट का इस्तेमाल होगा. हाईवे पर हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होगा. साथ ही एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 40 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना है.
चलती गाड़ी में कट जाएगा टोल
इस एक्सप्रेसवे पर टोल देने के लिए लाइन में लगने या गाड़ी रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पूरे एक्सप्रेसवे पर नंबर प्लेट रीडर (NPR) कैमरे लगाए गए हैं, जो चलती गाड़ी में ही फास्टटैग और नंबर प्लेट को स्कैन कर लिया करेंगे. इससे चलती गाड़ी में ही टोल कट जाया करेगा. सड़क परिवहन मंत्रालय पहले ही टोल दरों को मंजूरी दे चुका है. एक्सप्रेसवे पर रेस्तरां, फूड कोर्ट, रिसॉर्ट्स, फ्यूल स्टेशन समेत कई तरह की सुविधाएं यात्रियों को दी जाएंगी.