Z-Morh Tunnel Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 13 जनवरी, 2025 यानी कल जम्मू-कश्मीर में सोनमर्ग सुरंग (Tunnel) का उद्घाटन करने वाले हैं. पीएम मोदी के दौरे को लेकर वहां पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इस टनल को सोनमर्ग को पूरे साल पर्यटन के लिए खुला रखने के उद्देश्य से बनाया गया है. यह परियोजना क्षेत्रीय विकास और कनेक्टिविटी में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है. इस सुरंग का नाम "जेड-मोड़" से लिया गया है.


जेड-मोड़ टनल गगनगीर से सोनमर्ग तक फैली हुई है, 6.5 किलोमीटर लंबी है.  बता दें कि सोनमर्ग, जम्मू-कश्मीर का खूबसूरत पर्यटन स्थल, अपने जाड़े के मौसम में भारी बर्फबारी के लिए प्रसिद्ध है. सर्दियों में यहां का तापमान माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, जिससे यह इलाका 4 महीनों तक देश के अन्य हिस्सों से कटा रहता था.


आधुनिक सुविधाओं से लैस ज़ेड-मोड़ टनल
अब यह सुरंग सोनमर्ग को पहलगाम और गुलमर्ग की तरह साल भर पर्यटकों के लिए सुलभ बनाएगी. यह लेह-लद्दाख में रहने वाले लोगों और यात्रियों के लिए भी सफर को बेहद आसान बना देगी. यह दो लेन वाली सुरंग है, जिसमें आपातकालीन स्थितियों के लिए एक एस्केप टनल भी बनाई गई है. सुरंग में सीसीटीवी कैमरे और वाई-फाई कनेक्टिविटी जैसी आधुनिक तकनीक उपलब्ध है.


हिमस्खलन से सुरक्षा
सुरंग में कई क्रॉस गैलरी हैं, जो आग या अन्य आपदाओं के दौरान इस्तेमाल की जा सकती हैं. इन गैलरी का उपयोग मोटर गाड़ियों या पैदल चलने वालों के लिए किया जा सकता है. यह सुरंग पूरी तरह से हिमस्खलन से सुरक्षित बनाई गई है, जिससे यात्रियों को पूरे साल निर्बाध यात्रा का अनुभव मिलेगा. ज़ेड-मोड़ टनल का महत्व केवल आम नागरिकों और पर्यटकों तक सीमित नहीं है बल्कि यह सैनिकों और देश की सुरक्षा के लिए भी अहम है.लद्दाख और कारगिल होते हुए भारत की सीमाएँ चीन और पाकिस्तान से मिलती हैं. यह सुरंग सैन्य बलों को तेजी से आवाजाही की सुविधा देकर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण होगी.


'सुरंग के उद्घाटन का उत्सुकता से इंतजार'


जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन से संबंधित तैयारियों का जायजा लेते हुए एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है. जिस पर पीएम मोदी ने रिप्लाई करते हुए कहा कि वो अपनी इस यात्रा को लेकर उत्सुक हैं.


जेड-मोड़ सुरंग के बारे में सब कुछ
जेड-मोड़ सुरंग जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग को जोड़ती है. यह 6.5 किमी तक फैली है. यह सुरंग समुद्र तल से 2,637 मीटर (8,652 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है.  इसे 80 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से प्रति घंटे 1,000 वाहनों को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है. सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का उपयोग करके किया गया है. Z-मोड़ सुरंग NH1 श्रीनगर-लेह राजमार्ग का हिस्सा है. इस परियोजना को 24 अरब रुपये की लागत से मंजूरी दी गई थी.


सुरंग एक वेंटिलेशन सिस्टम से लैस है और इसके दो पोर्टल हैं - पश्चिमी और पूर्वी. ज़ेड-मोड़ सुरंग 31 सुरंगों में से एक है. सुरंग बनने से पहले, यह रास्ता सर्दियों के महीनों के दौरान हिमस्खलन और असुरक्षित होने के लिए बदनाम था.अब  6.5 किलोमीटर की दूरी अब सिर्फ़ 15 मिनट में तय की जा सकती है, जबकि पहले टेढ़ी-मेढ़ी पहाड़ी सड़क पर चलने में घंटों लगते थे.


ये भी पढ़ें: क्या MP की खरगापुर सीट की कांग्रेस विधायक हैं अयोग्य? हाईकोर्ट में सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक