नई दिल्ली: दोबारा सरकार बनने के बाद से पीने का पानी नरेंद्र मोदी सरकार के सर्वोच्च एजेंडा में रहा है. प्रधानमंत्री ने इसके लिए तीन अलग-अलग मंत्रालयों को मिलाकर जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया है. सरकार की योजना 2024 तक सभी घरों में नल से जल देने की है.
अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर योजना
25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनायी जाती है. इस दिन मोदी सरकार 'अटल भूजल योजना' के नाम से एक नयी योजना शुरू करने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस योजना की शुरूआत करेंगे. योजना का लक्ष्य देश के उन इलाकों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने का है जिन इलाक़ों में ये काफ़ी नीचे चला गया है.
विश्व बैंक ने दिया है पैसा
विश्व बैंक की मदद से शुरू की जा रही ये योजना अगले पांच सालों में देश 78 ज़िलों, 193 प्रखंडों ( ब्लॉकों ) और 8350 ग्राम पंचायतों में अगले पांच सालों में पूरी की जाएगी. इनमें ज़्यादातर इलाक़े हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में हैं. ये वो राज्य हैं जिनके 25 फ़ीसदी से ज्यादा इलाक़ों में भूजल स्तर का दोहन सबसे ज़्यादा हुआ है. पिछले साल अगस्त में विश्व बैंक ने इस योजना के लिए 6000 करोड़ रूपयों की मंज़ूरी दी थी. हालांकि इस योजना की घोषणा 2016-17 के आम बजट में की गई थी.
2024 तक हर घर में जल का है लक्ष्य
दोबारा सत्ता में आने के बाद लोगों को पीने का साफ़ पानी मुहैया करवाने को मोदी सरकार ने अपना बड़ा लक्ष्य बनाया है. सरकार का लक्ष्य 2024 तक सभी घरों में नल से पीने का साफ़ जल पहुंचाना है. इसके लिए विशेष रूप से जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया गया है. इसलिए तीन सालों से अटके इस योजना को अटल भूजल योजना के नाम से अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के दिन शुरू किया जा रहा है. योजना के तहत 'पानी संगठनों' और 'पानी बजट' जैसे नये प्रयोगों की शुरूआत की जाएगी.
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