PM Modi-Xi Jinping Meeting: भारत और चीन के बीच एलएसी पर पिछले करीब 2 साल से भी ज्यादा वक्त से तनाव बरकरार है. पैंगोंग लेक और गोगरा-हॉट स्प्रिंग में दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने के बावजूद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. साल 2020 के मई में दोनों देशों के जवानों के बीच झड़प के बाद लगातार डिसइंगेजमेंट की कोशिशें की जा रही है. लेकिन, पूर्वी लद्दाख में अभी भी दोनों देशों के जवान आमने-सामने हैं. लेकिन, पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाली मुलाकात से संबंधों की बेहतरी की उम्मीद की जा रही है.
16 सितंबर को उज़्बेकिस्तान (Uzbekistan) की राजधानी में होने वाली SCO शिखर बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) मुलाकात करेंगे. दोनों के बीच होने वाली ये मुलाकात 34 महीने बाद होगी. SCO शिखर बैठक में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच कई मुद्दों पर चर्चा होगी. इसमें सबसे महत्वपूर्ण चर्चा सीमा पर चल रहे विवाद का मुद्दा होगा. दरअसल, पूर्वी लद्दाख के इलाके में चीन की मोर्चाबंदी और गलवान जैसी घटना के बाद दोनों देशों की सैनिक कई इलाकों पर करीब 28 महीने तक आमने-सामने रही. सैनिकों के बीच तनातनी की भी तस्वीरें सामने आयी थीं.
वहीं, स्थिति अब भी पूरी तरह काबू में नहीं है. डेमचोक और देपसांग के इलाके में चीन की मोर्चाबंदी अब भी बनी हुई है. वहीं, चीन ने कुछ इलाकों से अपनी फौज को पीछे लेने की रजामंदी जताई हो लेकिन दोनों नेताओं के बीच ये मामले जरूर उठते दिखेगा.
गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स से पीछे हटी चीन की सेना
बता दें, भारत और चीन की सेनाओं ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी-15 के गतिरोध वाले स्थान से सैनिकों को पीछे हटाने की पांच दिवसीय प्रक्रिया के तहत अग्रिम मोर्चे के अपने सैनिकों को पीछे के स्थानों पर भेज दिया. इसके साथ ही, वहां के अस्थायी बुनियादी ढांचे को भी ध्वस्त कर दिया गया है.
थल सेना प्रमुख बोले...
पीपी-15 में सैनिकों के पीछे हटने के बारे में पूछे जाने पर थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा, ‘‘मुझे जाकर जायजा लेना होगा. लेकिन यह (सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया) निर्धारित कार्यक्रम और निर्णय के अनुसार हो रही है.’’
विदेश मंत्रालय ने दिया था ये बयान...
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने नौ सितंबर को दिए एक बयान में कहा था कि, पीपी-15 में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया सोमवार तक पूरी कर ली जाएगी. समझौते के अनुसार इस क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया आठ सितंबर को साढ़े आठ बजे शुरू हुई और 12 सितंबर तक पूरी हो जाएगी.
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