अहमदाबाद: गुजरात में लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाई गई है. 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा को ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ का नाम दिया गया है, जिसका अनावरण कल यानि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. सरदार पटेल की ये मूर्ति नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट टापू पर बनाई गई है. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बताई जा रही ये प्रतिमा अमेरिका के ‘स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुनी ऊंची है.


'वॉल ऑफ यूनिटी' का भी होगा उद्घाटन
प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद और हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे. पटेल की प्रतिमा के पास पीएम मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे. उसी समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे.


प्रतिमा पर हेलिकॉप्टर से की जाएगी फूलों की बारिश
‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी, सरदार पटेल की मूर्ति को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर फूलों की वर्षा करेंगे. कल यानि 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती भी है.


सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी होगा आयोजन
सरदार पटेल जयंती के इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम में 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार भी नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे.


सरदार पटेल के म्यूजियम का भी होगा लोकार्पण
इस अवसर पर कई आकर्षण होंगे, जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और सरदार पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है. प्रतिमा के अंदर 135 मीटर की ऊंचाई पर एक दर्शक दीर्घा बनाई गयी है, जिससे पर्यटक बांध और पास की पर्वत श्रृंखला का दीदार कर सकेंगे.


आदिवासियों ने किया है प्रतिमा का विरोध
नर्मदा जिले के कुछ आदिवासी समूहों ने सरदार पटेल की इस प्रतिमा निर्माण का विरोध किया था. इसी बीच स्थानीय आदिवासी नेताओं ने बुधवार के आयोजन का बहिष्कार करने की घोषणा की है. उन्होंने दावा किया है कि इस परियोजना से प्राकृतिक संसाधनों को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचेगा.


'प्रधानमंत्री का स्वागत नहीं करेंगे'
आदिवासी नेताओं ने मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के पास स्थित 22 गांवों के सरपंचों ने कहा है कि जब प्रधानमंत्री समारोह के लिए पहुंचेंगे तो ग्रामीण उनका स्वागत नहीं करेंगे. पत्र में अहमदाबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित नर्मदा जिले के गांवों के सरपंचों के दस्तखत हैं.


पत्र में लिखा है, ‘‘हम गांववासी आपको अत्यंत दुख के साथ बताना चाहते हैं कि हम 31 अक्टूबर को आपका स्वागत नहीं करेंगे. आप यहां बिन बुलाए मेहमान की तरह आएं तो भी आपका यहां स्वागत नहीं है.’’ उन्होंने आरोप लगाया है कि इलाके में अब भी स्कूलों, अस्पतालों और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है.