वहीं, प्रणब मुखर्जी के इस ट्वीट के जवाब में पीएम मोदी ने लिखा है, ‘’ मैं हमेशा आपके साथ काम करने को तैयार रहूंगा.’’
पत्र के कुछ अंश
पत्र में पीएम मोदी ने प्रणब दा के लिए लिखा है, ‘’जब मैं दिल्ली आया था तो मेरे सामने एक बहुत बड़ी चुनौती थी. उन दिनों आप पिता और एक गुरु की तरह मेरे साथ रहे. आपकी बुद्धिमत्ता औऱ मार्गदर्शन से मुझे शक्ति और आत्मविश्वास मिला है.’’ उन्होंने आगे लिखा है, ‘’आपके मार्गदर्शन की वजह से ही मुझे और मेरी सरकार को मदद मिली है.’’
इस पत्र में पीएम मोदी ने आगे लिखा है, ‘’जब मैं लंबी यात्रा कर वापस लौटता था, आप मुझे फोन करके मेरे स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते थे. तब मेरे अंदर एक नई ऊर्जा भर जाती थी.’’ उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी के साथ उनकी हर मुलाकात उनके जीवन में मार्गदर्शक की तरह काम करेगा.
पीएम मोदी ने यह भी लिखा है, “प्रणब दा, हमारी राजनीतिक यात्रा अगल-अलग राजनीतिक दलों के माध्यम से हुई है. हमारी विचारधारा अलग रही है. हमारे जीवन अनुभव भी अलग हैं. मेरे पास केवल मेरे राज्य का प्रशासनिक अनुभव था, जबकि आपके पास कई दशकों का राष्ट्रीय राजनीति और नीति का अनुभव था, फिर भी हम आपसी सामंजस्य के साथ काम कर पाए."
पीएम मोदी ने पत्र के आखिर में लिखा है, ‘’राष्ट्रपति जी, ये मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे आपके प्रधानमंत्री के तौर पर काम करने का अवसर मिला. आपके स्पोर्ट, मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए आपका बहुत धन्यवाद. संसद भवन में आपके विदाई भाषण के दौरान आपके द्वारा मेरे लिए कहे गए शब्दों के लिए आपका एक बार फिर बहुत-बहुत धन्यवाद.
बता दें कि अपने विदाई भाषण में प्रणब मुखर्जी ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी. प्रणब मुखर्जी ने कहा था, ‘’पीएम मोदी के जोश और उर्जा के मुरीद हो गये हैं और उनकी यादों को अपने साथ लेकर जा रहे हैं. मुझे हर कदम पर देश में मूलभूत बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जोश और ऊर्जा से भरी सलाह और सहयोग का फायदा मिला है.’’