Guru Purnima: देशभर में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है. ये पर्व हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इसी दिन भगवान बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना प्रवचन दिया. इसी कारण आज के दिन भगवान बुद्ध के अनुयायी उनकी विशेष तौर पर पूजा करते हैं. इसी कारण गुरु पूर्णिमा  पर्व को पूरे देश में मनाया जाता है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर ट्वीट करते हुए कहा, ‘समस्त देशवासियों को गुरु पूर्णिमा की अनंत शुभकामनाएं.’ वहीं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रदेशवासियों को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, ”पूज्य गुरुजनों के मार्गदर्शन और सान्निध्य में व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की यात्रा सुफलित होती है. सभी गुरुजनों का सादर अभिनंदन एवं उन्हें नमन!”


कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस अवसर पर गौतम बुद्ध के विचारों को उजागर किया. खड्गे ने कहा, “तीन चीज़ें, जो देर तक छिप नहीं सकतीं- सूर्य, चंद्रमा और सत्य. आप सभी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं और सभी गुरुजनों को सादर प्रणाम.“


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते कहते हैं कि हमारे देश में प्राचीनकाल से ही एक स्वस्थ गुरु परंपरा चली आयी है. भारत को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध करने जिन गुरुओं का योगदान रहा है, उन सभी को आज गुरु पूर्णिमा के दिन, मैं स्मरण एवं नमन करता हूँ.


जानिए क्या हैं पर्व को लेकर मान्यताएं
माना जाता है कि वें गुरुजन जो हमें अपने लक्ष्य तक पहुचाने में अपना योगदान देते है, उनके प्रति हमें कृतज्ञता का भाव बनाए रखना चाहिए और उसे ज़ाहिर करने के दिन के तौर पर ही गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. हिन्दू मान्यता के अनुसार,आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. सबसे पहले वेदों की शिक्षा महर्षि वेदव्यास ने ही दी थी इसलिए हिन्दू धर्म में उन्हें प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है. यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.


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