Kartavya Path Inauguration: पीएम मोदी बोले- गुलामी का प्रतीक राजपथ अब इतिहास की बात, अखंड भारत के पहले प्रधान थे नेताजी
PM Modi: पीएम मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही कर्तव्य पथ का भी उद्घाटन किया. उन्होंने इस दौरान कहा कि आज हम आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं.
PM Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग ‘कर्तव्य पथ’ का आज उद्धाटन किया. अब तक इसे ‘राजपथ’ कहा जाता था. पीएम मोदी ने इसके साथ ही इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का भी अनावरण किया.
इस दैरान पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है. ये भारत के लोकतानंत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है. यहां जब देश के लोग आएंगे तो नेताजी की प्रतिमा, नेशनल वार मेमोरियल, ये सब उन्हें कितनी बड़ी प्रेरणा देंगे, उन्हें कर्तव्यबोध से ओत-प्रोत करेंगे.
भुला दिए गए सुभाष बाबू
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि अगर आजादी के बाद हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर होता लेकिन, दुर्भाग्य से आजादी के बाद हमारे इस महानायक को भुला दिया गया. उनके विचारों को, उनसे जुड़े प्रतीकों तक को नजरअंदाज कर दिया गया. उस वक्त उन्होंने कल्पना की थी कि लाल किले पर तिरंगा फहराने की क्या अनुभूति होगी. इस अनुभूति का साक्षात्कार मैंने खुद किया, जब मुझे आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष होने पर लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला.
भारत के संकल्प और लक्ष्य अपने हैं
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले आठ सालों में हमने एक के बाद एक ऐसे कितने ही निर्णय लिए हैं, जिन पर नेता जी के आदर्शों और सपनों की छाप है. नेताजी सुभाष, अखंड भारत के पहले प्रधान थे, जिन्होंने 1947 से भी पहले अंडमान को आजाद कराकर तिरंगा फहराया था. उन्होंने कहा कि आज भारत के आदर्श अपने हैं, आयाम अपने हैं. आज भारत के संकल्प अपने हैं, लक्ष्य अपने हैं. आज हमारे पथ अपने हैं, प्रतीक अपने हैं.
अंग्रेजों के जमाने के सैकड़ों कानून बदले
उन्होंने कहा कि आज अगर राजपथ का अस्तित्व समाप्त होकर कर्तव्यपथ बना है, आज अगर जॉर्ज पंचम की मूर्ति के निशान को हटाकर नेताजी की मूर्ति लगी है तो ये गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है. आज देश अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैकड़ों कानूनों को बदल चुका है. भारतीय बजट, जो इतने दशकों से ब्रिटिश संसद के समय का अनुसरण कर रहा था, उसका समय और तारीख भी बदली गई है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए अब विदेशी भाषा की मजबूरी से भी देश के युवाओं को आजाद किया जा रहा है.
केवल ईंट-पत्थर का रास्ता नहीं कर्तव्य पथ
पीएम मोदी ने कर्तव्य पथ को लेकर कहा कि यह केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है. ये भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है. यहां जब देश के लोग आएंगे, तो नेताजी की प्रतिमा, नेशनल वार मेमोरियल, ये सब उन्हें कितनी बड़ी प्रेरणा देंगे उन्हें कर्तव्यबोध से ओत-प्रोत करेंगे.
ब्रिटिश राज के लिए था राजपथ
उन्होंने कहा कि राजपथ ब्रिटिश राज के लिए था, जिनके लिए भारत के लोग गुलाम थे. राजपथ की भावना भी गुलामी का प्रतीक थी और उसकी संरचना भी गुलामी का प्रतीक थी. आज इसका आर्किटैक्चर भी बदला है और इसकी आत्मा भी बदली है.
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