नई दिल्ली: वर्ल्ड बायोफ्यूल डे के मौके पर प्रधानमंत्री के नाले की गैस से चाय बनाने वाले बयान पर राजनेता ही नहीं बल्कि पूरा सोशल मीडिया जमकर मज़े ले रहा है. ट्विटर और फेसबुक पर लोग प्रधानमंत्री की इस तरकीब को 'क्रांतिकारी' बता रहे हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित कई नामचीन हस्तियों ने पीएम के इस बयान पर चुटकी ली है.


दरअसल, 10 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने बायोफ्यूल डे के मौके पर संबोधित करते हुए तीन किस्से सुनाए. पहला किस्सा नाले गैस निकालने को लेकर था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. प्रधानमंत्री ने बताया, '' मैंने एक अखबार में पढ़ा था, एक छोटे से नगर में नाले के पास कोई चाय का ठेला लेकर खड़ा रहता था और चाय बेंचता था. अब कोई चाय बनाने की बात आती है तो मेरा ख्याल जल्दी आता है. वहीं पर एक गंदी नाली जाती थी. अब इसके दिमाग में कोई विचार आया. जहां भी गंदी नाली होती हैं वहां गैस निकलती है. उसने एक बर्तन में छेद करके उसमें पाइप लगा दी और जो गटर से गैस निकलती थी उसे पाइपलाइन से अपने ठेले में ले लिया. चाय बनाने के लिए वह उसी गैस का उपयोग करने लगा. सिंपल सी टेक्नॉलजी! ''


कुछ ही देर में ये बयान वर्चुअल दुनिया में छा गया. लोग इसपर अपनी प्रतिक्रिया देने लगे. ऐसे ही कुछ मज़ाकिया प्रतिक्रियाएं हम आपके लिए लाए हैं.


मशहूर कॉमेडियन कुणाल कामरा ने एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने बताया कि पीएम के इस भाषण में इतनी गैस है कि उसके घर का गैस चूल्हा बिना लाइटर और माचिस की मदद के ही जल जा रहा है.





निखिल यादव नाम के यूजर लिखते हैं, 'प्रधानमंत्री मोदी की नई बेहतरीन योजना. पाइप लगा लो नाले में , चाय बना लो प्याले में.'



सलीम सिद्धकी नाम के यूजर लिखते हैं, ''मोदी जी के अनोखे अविष्कार की वजह से समस्या ये खड़ी है की गंगा साफ कर के टूरिज्म बढ़ाया जाए या ओर गन्दा कर के गैस उत्पाद बढ़ाया जाए ????''





अशीफ चौधरी नाम के यूजर लिखते हैं, '' एक रात में मोदी जी ने हजारों नौकरियों का सृजन कर दिया है. लोग अब बदबूदार ग़टर के किनारे बैठकर बोतलों में गैस इक्कट्ठा कर रहे हैं.''





सौरभ नाम के यूजर लिखते हैं, '' बड़े नालों को सीमेंट-पत्थर से ढक कर उस पर गैस पाइप लाइन बिछा देनी चाहिए. इससे दो फायदे होंगे. पहला फ्री गैस मिलेगी, दूसरा बदबू से निजात. ''





अलवीरा नाम के यूजर लिखा, ''भारत को अब सुपर पावर बनने से कोई नहीं रोक सकता. हर गटर से गैस निकलेगी, हर नाले पर चाय की दुकान होगी. हर नौजवान पकौड़े बेचेगा.''





अरुण मस्क नाम के यूजर लिखते हैं, '' लिक्विफायड नरेंद्र गैस की खोज के लिए नोबेल विजेता. ''





एक यूजर लिखते हैं, ''पकौड़े में रोज़गार है, नाली में ईंधन और पुराणों में अविष्कार हैं.. साइंस वगैरह तो हम बस मेंढक चीरने के लिए पढ़ते हैं ''





एक अन्य यूजर ने लिखा, '' मोदी जी एक ही वक्त पर स्वच्छ भारत और सीवेज की गैस से चाय बनाने की बात करते हैं.





प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर एक और किस्सा सुनाए थे. ये किस्सा बायोगैस से जुड़ा हुआ था. उन्होंने बताया, '' जब मैं गुजरात में था तो उस वक्त हमारा काफिला कहीं जा रहा था. हमने देखा कि हमारे आगे एक स्कूटर जा रहा था और इस पर बैठे शख्स ने एक ट्रैक्टर का टायर लिए हुए था, ये टायर पूरा भरा हुआ था. आप कल्पना कर सकते हैं कि स्कूटर पर इतना बड़ा टायर लेकर जा रहा है तो पीछे आने वाले वाहनों को डर लगता है कि ये कहीं टकरा ना जाए. मैं भी हैरान था कि ऐसे कैसे ले जा रहा है.  कोई समझदार आदमी तो यही करेगा कि खाली ट्यूब ले जाएगा और आगे जाकर हवा भर लेगा.  हमने गाड़ी रोकी और स्कूटर वाले से पूछा, भाई क्या कर रहे हो गिर जाओगे, चोट लग जाएगी. उसने बताया कि वह खेत जा रहा है. हमने पूछा कि ये क्यों ले जा रहे हो. उसने बताया कि मेरे घर में किचन से जो कचरा निकलता है वो और मेरे पास दो पशु हैं उऩका गोबर मैं अपने घर में ही बनाए गए गैस प्लांट में डालता हूं.  मैं उस  गैस को इस ट्यूब में डालता हूं और ट्यूब लेकर खेत जाता हूं. इस ट्यूब की मदद से मैं अपने खेत में पानी का पम्प चलाता हूं.  अब हमारे देश के किसान की कल्पना कीजिए.''