PM Mother Heeraben Modi Passed Away: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की मां हीराबेन मोदी अब इस दुनिया में नहीं रहीं. हीराबेन मोदी (Heeraben Modi Passed Away) का शुक्रवार (30 दिसंबर) को 100 साल की उम्र में निधन हो गया. हीराबेन ने अहमदाबाद के अस्पताल में अंतिम सांस ली. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता हीराबेन मोदी के निधन पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दुख जताया. उन्होंने ट्वीट किया, ''माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी की माता पूज्य हीराबा के निधन से गहरा दुख हुआ. पूज्य हीराबा उदारता, सादगी, कड़ी मेहनत और जीवन के उच्च मूल्यों के प्रतीक थे. मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. ૐ शांति.''







प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता हीराबेन मोदी के निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया. उन्होंने लिखा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माताश्री हीरा बा के निधन से मुझे गहरी वेदना हुई है. एक माँ का निधन किसी भी व्यक्ति के जीवन में ऐसी शून्यता लाता है, जिसकी भरपाई असंभव है.''






केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने जताया शोक


पीएम मोदी की मां के निधन पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने ट्वीट किया, '' मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मां हीरा बेन जी का निधन अत्यंत दुखद है. वे धर्मपरायण महिला थी. उनके निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट करता हूं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें, शोकाकुल प्रधानमंत्री जी व समस्त परिवारजनों को संबल प्रदान करें.  ॐ शान्ति !






मायावती ने PM की मां के निधन पर शोक प्रकट किया


बीएसपी प्रमुख मायावती ने लिखा, ''प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की माता श्रीमती हीराबेन के निधन हो जाने की खबर अति-दुःखद. उनके पूरे परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना. कुदरत उन्हें एवं उनके सभी चाहने वालों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे.''





गुलाम नबी आजाद ने दी सांत्वना


पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी पीएम मोदी की मां के निधन पर शोक जताया, ''पीएम मोदी की मां के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. मुझे पता है कि ऐसे समय में शब्द थोड़े सांत्वना देने वाले होते हैं. माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं. मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना करता हूं.''






पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी मां के निधन पर कहा, "मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है. उन्होंने कहा था कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से. शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम. मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है.''