PM Modi: देश में 2024 के आम चुनावों में अब करीब एक साल का वक्त बचा है. पीएम मोदी ने भी अपनी सियासी गाड़ी को इलेक्शन मोड के टॉप गेयर में डाल दिया है. ऐसे में अगले कुछ महीनों के दौरान मोदी जहां कर्नाटक से लेकर एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान के चुनावी मैदान में दौरे-रैलियां करते नजर आएंगे. वहीं उनकी अहम अंतरराष्ट्रीय बैठकों और यात्राओं का कैलेंडर भी पैक हो चुका है. अगले पांच महीनों में ही पीएम को आधा दर्जन से अधिक देशों का दौरा करना है. 


पीएम मोदी के बड़े विदेश दौरों के सिलसिले की शुरुआत मई 2023 से होगी. मोदी अगले माह तीन देशों के दौरे पर जाएंगे. पीएम को जहां जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर बैठक और ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में क्वाड शिखर बैठक में शरीक होना है. वहीं मोदी प्रशांत महासागर के द्वीप देश पापुआ न्यूगिनी का भी दौरा इसी कड़ी में करेंगे.


जापान के हिरोशिमा में जी7 शिखर बैठक में शरीक होंगे पीएम


प्रस्तावित यात्रा कार्यक्रम के मुताबिक पीएम 20-21 मई को जापान के हिरोशिमा में जी7 शिखर बैठक में शरीक होंगे. संकेत है कि इस बैठक के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलादिमीर जेलेंस्की भी पहुंचेंगे. इस बैठक के हाशिए पर पीएम मोदी से भी जेलेंस्की की मुलाकात मुमकिन है. हिरोशिमा में जी7 शिखर बैठक में शिरकत के बाद पीएम मोदी 22 मई को प्रशांत महासागर के द्वीप देश पापुआ न्यूगिनी पहुंचेंगे. पापुआ न्यूगिनी में प्रशांत महासागर के द्वीप देशों के नेताओं और पीएम मोदी के बीच FIPIC की बैठक होनी है.


पीएम मोदी के अहम पापुआ न्यूगिनी दौरे और प्रशांत क्षेत्र में क्वाड की सक्रियता से हड़बड़ाए चीन ने भी अपने विदेश राज्य मंत्री मा झाउशू को फिजी भेजने का ऐलान किया है. ध्यान रहे कि बीते कुछ दिनों में चीन के खिलाफ प्रशांत क्षेत्र के द्वीप देशों में असहमति और विरोध के कई सुर उठे हैं. द्वीप देश माइक्रोनेशिया के राष्ट्रपति रहे डेविड पानुएलो ने तो आरोप लगाया कि उनके ताइवान और फिजी के दौरों पर चीनी जासूस उनका पीछा करते रहे. चीन के साथ पुलिस सहयोग समझौता रद्द कर चुकी फिजी की सरकार ने इन आरोपों की जांच करने की बात कही है. 


पीएम 23 मई को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी पहुंचेंगे


पापुआ न्यूगिनी के बाद पीएम 23 मई को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी पहुंचेंगे. सिडनी में 23 मई को जहां पीएम मोदी के बड़े कम्यूनिटी इवेंट को संबोधित करेंगे. वहीं अगले दिन क्वाड (भारत-ऑस्ट्रेलिया-जापान-अमेरिका) के नेताओं की अहम शिखर बैठक होगी. क्वाड की इस अहम बैठक के हाशिए पर पीएम मोदी की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी होगी.


मई में हिंद-प्रशांत क्षेत्र का दौरा करने के बाद पीएम को जून 2023 में अमेरिका जाना है. माना जा रहा है कि अमेरिका के राजकीय मेहमान बनकर जा रहे मोदी न्यूयॉर्क में विश्व योग दिवस कार्यक्रम की अगुवाई करने के साथ ही शिकागो में एक बड़े कम्यूनिटी कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे. साथ ही तैयारियां इस बीच पीएम मोदी के फ्रांस दौरे को लेकर भी चल रही हैं. 


पाक पीएम शहबाज शरीफ आ सकते हैं भारत


जुलाई 2023 में पीएम मोदी को शंघाई सहयोग संगठन के शिखर बैठक की मेजबानी करनी है. सब कुछ ठीक चला तो इस बैठक के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी भारत आएंगे. हालांकि अभी तक इस बैठक के विस्तृत कार्यक्रम का ऐलान नहीं किया गया है. कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी जैसी किसी स्थिति में यह बैठक वर्चुअल भी हो सकती है. 


हालांकि शिखर बैठक से पहले SCO देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों की बैठक भारत में होनी है. SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक 27 अप्रैल को होनी है जिसके लिए चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है. हालांकि उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक अभी तक दोनों ही देशों की तरफ से बैठक में शिरकत को लेकर कोई आधिकारिक जवाब नहीं प्राप्त हुआ है. इतना ही नहीं 4 मई को गोवा में SCO देशों के विदेश मंत्रियों की भी बैठक होनी है जिसके लिए चीन और पाक के विदेश मंत्रियों को भी आना है. 


भारत की जमीन पर अगर जुलाई में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात किन्हीं कारणों से नहीं हो पाई तो भी अगस्त 2023 में दोनों नेता दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर बैठक के लिए एक साथ होंगे. इस बैठक के लिए रूसी राष्ट्रपति को भी दक्षिण अफ्रीका के डर्बन पहुंचना है. अगस्त 2023 में आजादी के अमृतकाल का एक साल पूरा होने का जश्न मनाने के साथ ही सितंबर में भारत अब तक के सबसे बड़े राजनयिक कार्यक्रम की मेजबानी करता नजर आएगा. पीएम मोदी भारत की अगुवाई में 9-10 सितंबर को होने वाली जी20 शिखर बैठक की मेजबानी करते नजर आएंगे. यह भारत की मेजबानी में हो रहा अंतरराष्ट्रीय राजनीति का सबसे बड़ा आयोजन है. 


नई दिल्ली में होने वाले इस कार्यक्रम के लिए व्यापक तैयारियां और बैठकों का दौर पहले ही चल रही है. इस बैठक में जहां अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को भारत आना है तो वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी आमंत्रित किया गया है. अगर दोनों नेता भारत आते हैं तो रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यह पहला मौका होगा जब दोनों नेता एक जगह मौजूद होंगे. जानकारों का मानना है कि यह भारत की अहमियत और पीएम मोदी के रुतबे का ही वजन है कि वो दोनों नेताओं को साथ बैठा सकते हैं.


साथ ही सूत्रों की मानें तो आम चुनावों से पहले अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का बड़ा तड़का 26 जनवरी 2024 के गणतंत्र दिवस समारोह में भी लग सकता है. इस बात की संभावनाएं खंगाली जा रही हैं कि गणतंत्र दिवस समारोह के मंच से क्वाड देशों के प्रमुख एक साथ सलामी लेते नजर आएं. हालांकि अभी यह प्रस्ताव मसौदे के स्तर पर ही है. लेकिन 10 आसियान देशों के प्रमुखों को एक साथ 2018 के गणतंत्र दिवस समारोह के मंच तक लाने वाले पीएम मोदी के लिए क्वाड देशों के नेताओं को लाना नामुमकिन भी नहीं है.


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