PM Narendra Modi Mann ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार (30 अक्टूबर) को एक बार फिर 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिये देशवासियों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत छठ पर्व (Chhat Puja) के बधाई संदेश के साथ की. उन्होंने छठ पूजा और सूर्य उपासना के महत्व का उल्लेख किया.


पीएम मोदी ने कहा, ''आज देश के कई हिस्सों में सूर्य उपासना का महापर्व छठ मनाया जा रहा है. छठ पर्व का हिस्सा बनने के लिए लाखों श्रद्धालु अपने गांव, अपने घर, अपने परिवार के बीच पहुंचे हैं. मेरी प्रार्थना है कि छठ मैया सबकी समृद्धि, सबके कल्याण का आशीर्वाद दें. सूर्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का, प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है. इस पूजा के जरिये हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का महत्व समझाया गया है, साथ ही ये संदेश भी दिया गया है कि उतार-चढ़ाव, जीवन का अभिन्न हिस्सा है.'' 


'गुजरात में भी होने लगी छठ पूजा'


प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ''छठ का पर्व 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' का भी उदाहरण है. आज बिहार और पूर्वांचल के लोग देश के जिस भी कोने में हैं, वहां धूमधाम से छठ का आयोजन हो रहा है. दिल्ली, मुंबई समेत महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों और गुजरात के कई हिस्सों में छठ का बड़े पैमाने पर आयोजन होने लगा है. पहले गुजरात में उतनी छठ पूजा नहीं होती थी लेकिन समय के साथ आज करीब-करीब पूरे गुजरात में छठ पूजा के रंग नजर आने लगे हैं. ये देखकर मुझे भी बहुत खुशी होती है. आजकल हम देखते हैं, विदेशों से भी छठ पूजा की कितनी भव्य तस्वीरें आती हैं. यानी भारत की समृद्ध विरासत, हमारी आस्था, दुनिया के कोन-कोने में अपनी पहचान बढ़ा रही है. इस महापर्व में शामिल होने वाले हर आस्थावान को मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं. 


सौर ऊर्जा को लेकर यह बोले पीएम मोदी


पीएम मोदी ने आगे कहा, ''अभी हमने पवित्र छठ पूजा की बात की, भगवान सूर्य की उपासना की बात की तो क्यों न सूर्योपासना के साथ-साथ आज हम उनके वरदान की भी चर्चा करें. सूर्यदेव का ये वरदान है- सौर उर्जा, सोलर एनर्जी. ये ऐसा विषय है जिसमें पूरी दुनिया अपना भविष्य देख रही है और भारत के लिए तो सूर्यदेव सदियों से उपासना ही नहीं, जीवन पद्धति के केंद्र में भी रह रहे हैं. भारत आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है. तभी आज हम सौर उर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं. सौर ऊर्जा से कैसे हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन में बदलाव आ रहा है, वो भी अध्ययन का विषय है. तमिलनाडु में, कांचिपुरम में एक किसान हैं- थिरु के एजिलन, इन्होंने पीएम कुसुम योजना का लाभ लिया और अपने खेत में दस हॉर्स पावर का सोलर पंपसेट लगवाया. अब उन्हें अपने खेत के लिए बिजली पर कुछ खर्च नहीं करना होता है. खेत में सिंचाई के लिए अब वो सरकार की बिजली सप्लाई पर निर्भर भी नहीं हैं. 


वैसे ही राजस्थान के भरतपुर में पीएम कुसुम योजना के एक और लाभार्थी किसान हैं कमलजी मीणा. कमलजी ने खेत में सोलर पंप लगाया, जिससे उनकी लागत कम हो गई है. लागत कम हुई तो आमदनी भी बढ़ गई. कमलजी सोलर बिजली से दूसरे कई छोटे उद्योगों को भी जोड़ रहे हैं. उनके इलाके में लकड़ी का काम है, गाय के गोबर से बनने वाले उत्पाद हैं, इनमें भी सोलर बिजली का इस्तेमाल हो रहा है.''


सूर्यग्राम मोढेरा के लोगों से पीएम मोदी ने की बात


मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने आगे कहा, ''साथियों, क्या आप कभी कल्पना कर सकते हैं कि आप महीनेभर बिजली का उपयोग करें और आपका बिजली बिल आने के बजाय, आपको बिजली के पैसे मिलें? सौर ऊर्जा ने ये भी कर दिखाया है. आपने कुछ दिन पहले देश के पहले सूर्यग्राम- गुजरात के मोढेरा की खूब चर्चा सुनी होगी. मोढेरा सूर्यग्राम के ज्यादातर घर, सोलर पावर से बिजली पैदा करने लगे हैं. अब वहां के कई घरों में महीने के आखिर में बिजली का बिल नहीं आ रहा, बल्कि बिजली से कमाई का चेक आ रहा है. वो दिन दूर नहीं जब भारत में सूर्यग्रामों का निर्माण बहुत बड़ा जन आंदोलन बनेगा और इसकी शुरुआत मोढेरा गांव के लोग कर ही चुके हैं.''


पीएम मोदी ने मोढेरा के विपिन भाई पटेल से फोन पर बात की. विपिन भाई पटेल ने कहा, ''पूरे गांव के लोग खेती कर रहे हैं. बिजली की जो झंझट थी तो उसमें मुक्ति हो गई है. बिजली का बिल तो भरना नहीं है, निश्चिन्त हो गए हैं.'' उन्होंने कहा, ''झंझट ही चला गया और जब आप आये थे और वो थ्रीडी शो करके उद्घाटन किया तो इसके बाद तो मोढेरा गांव में चार चांद लग गए हैं. सोलर लगवाओ, बहुत फायदा है.'' पीएम मोदी ने इसी गांव की वर्षाबेन से फोन पर बात की. वर्षाबेन ने कहा,''हमारे गांव में तो रोज दिवाली मनाई जाती है. आपने दुनिया में प्रसिद्ध कर दिया है हमारे गांव को.''


कश्मीर और ओडिशा में भी सौर ऊर्जा का लाभ


पीएम मोदी ने आगे कहा, ''साथियों, वर्षाबेन और बिपिन भाई ने जो बताया है, वो पूरे देश के लिए, गांवों-शहरों के लिए एक प्रेरणा है. मोढेरा का ये अनुभव पूरे देश में दोहराया जा सकता है. सूर्य की शक्ति, अब पैसे भी बचाएगी और आय भी बढ़ाएगी."


पीएम मोदी ने आगे कहा, ''जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से एक साथी हैं- मंजूर अहमद लर्हवाल. कश्मीर में सर्दियों के कारण बिजली का खर्च काफी होता है. इसी कारण, मंजूर जी का बिजली का बिल भी चार हजार रुपए से ज्यादा आता था लेकिन जब से उन्होंने अपने घर पर सोलर रूफटॉप प्लांट लगवाया है, उनका खर्च आधे से भी कम हो गया है. ऐसे ही, ओडिशा की एक बेटी कुन्नी देउरी सौर ऊर्जा को अपने साथ-साथ दूसरी महिलाओं के रोजगार का माध्यम बना रही हैं. कुन्नी ओडिशा के केंदुझर जिले के करदापाल गांव में रहती हैं. वो आदिवासी महिलाओं को सोलर से चलने वाले रीलिंग मशीन पर सिल्क की बुनाई की ट्रेनिंग देती हैं. सोलर मशीन के कारण इन आदिवासी महिलाओं पर बिजली के बिल का बोझ नहीं पड़ता और उनकी आमदनी हो रही है. यहीं तो सूर्यदेव की सौर ऊर्जा का वरदान ही तो है. वरदान और प्रसाद तो जितना विस्तार हो, उतना ही अच्छा होता है, इसलिए, मेरी आप सबसे प्रार्थना है कि आप भी इसमें जुड़ें और दूसरों को भी जोड़ें.''


अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों पर ये बोले पीएम


पीएम मोदी ने कहा, ''हमारा देश सोलर सेक्टर के साथ ही स्पेस सेक्टर में भी कमाल कर रहा है. पूरी दुनिया आज भारत की उपलब्धियां देखकर हैरान है, इसलिए मैने सोचा कि मन की बात के श्रोताओं को ये बताकर मैं उनकी भी खुशी बढ़ाऊं. साथियों, अब से कुछ दिन पहले आपने देखा होगा भारत ने एकसाथ 36 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में स्थापित किया है. दिवाली से ठीक एक दिन पहले मिली ये सफलता एक प्रकार से ये हमारे युवाओं की तरफ से देश को एक स्पेशल दिवाली गिफ्ट है. इस लॉन्चिंग से कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक पूरे देश में डिजिटल कनेक्टिविटी को और मजबूती मिलेगी. इसकी मदद से बेहद दूर-दराज के इलाके भी देश के बाकी हिस्सों से और आसानी से जुड़ जाएंगे. देश जब आत्मनिर्भर होता है तो कैसे सफलता की नई ऊंचाई पर पहुंचता जाता है, ये इसका भी एक उदाहरण है.


'ग्लोबल कॉमर्शियल मार्केट में एक मजबूत प्लेयर भारत'


आपसे बात करते हुए मुझे वो पुराना समय भी याद आ रहा है जब भारत को क्रायोजेनिक रॉकेट टेक्नोलॉजी देने से मना कर दिया गया था लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने न सिर्फ स्वदेशी टेक्नोलॉजी विकसित की, बल्कि आज इसकी मदद से एक साथ दर्जनों सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेज रहा है. इस लॉन्चिंग के साथ भारत ग्लोबल कॉमर्शियल मार्केट में एक मजबूत प्लेयर बनकर उभरा है. इससे अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए अवसरों के नए द्वार भी खुले हैं. साथियों विकसित भारत का संकल्प लेकर चल रहा हमारा देश सबका प्रयास से ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है.''


प्राइवेट क्षेत्र के लिए स्पेस सेक्टर खुलने का मिला फायदा


पीएम ने आगे कहा, ''भारत में पहले स्पेस सेक्टर सरकारी व्यवस्थाओं के दायरे में ही सिमटा हुआ था. जब ये स्पेस सेक्टर भारत के युवाओं के लिए, भारत के प्राइवेट सेक्टर के लिए खोल दिया गया तब से इसमें क्रांतिकारी परिवर्तन आने लगे हैं. भारतीय इंडस्ट्रीय और स्टार्टअप्स  इस क्षेत्र में नए-नए इनोवेशंस और नई-नई टेक्नोलॉजी लाने में जुटे हैं. विशेषकर इन-स्पेस के सहयोग से इस क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. इन-स्पेस के जरिये गैर–सरकारी कंपनियों को भी अपने पेलोड्स और सैटेलाइट लॉन्च करने की सुविधा मिल रही है.''


पीएम मोदी ने कहा, ''मैंने लाल किले से 'जय अनुसंधान' का आह्वान किया था. मैनें इस दशक को भारत का Techade बनाने की बात भी कही थी. मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगा, इसकी कमान हमारी आईआईटी के छात्रों ने संभाल ली है.''


पीएम ने सरदार पटेल, बिरसा मुंडा, गुरु नानकदेव को किया याद


पीएम ने कहा, ''कल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस है, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म-जयन्ती का पुण्य अवसर है. इस दिन देश के कोने-कोने में रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया जाता है. ये दौड़ देश में एकता के सूत्र को मजबूत करती है, हमारे युवाओं को प्रेरित करती है.''


उन्होंने कहा, ''नवम्बर महीने में 15 तारीख को हमारा देश जन-जातीय गौरव दिवस मनाएगा. आपको याद होगा, देश ने पिछले साल भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के दिन आदिवासी विरासत और गौरव को सेलीब्रेट करने के लिए ये शुरुआत की थी. आने वाले 8 नवम्बर को गुरुपुरब है. गुरु नानक जी का प्रकाश पर्व जितना हमारी आस्था के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही हमें इससे सीखने को भी मिलता है. गुरु नानकदेव जी ने अपने पूरे जीवन, मानवता के लिए प्रकाश फैलाया. हमें हमारे गुरुओं के विचारों से लगातार सीखना है, उनके लिए समर्पित रहना है. इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा का भी है, इस दिन हम तीर्थों में, नदियों में, स्नान करते हैं, सेवा और दान करते हैं. मैं आप सभी को इन पर्वों की हार्दिक बधाई देता हूं.''


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