PM Modi in Lok Sabha: संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत हो गई है. लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के साथ शुरू हुई. संसद के दोनों सदनों में 75 साल की संसदीय यात्रा पर चर्चा हो रही है. केंद्र सरकार ने पांच दिनों तक चलने वाले सत्र के लिए एजेंडा पहले ही जारी कर दिया था, जिसमें बताया गया था कि चार ऐसे बिल हैं, जिन्हें पेश किया जाना है. आज पुरानी संसद में ही संसदीय कार्यवाही होने वाली है. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा को याद करने और नए सदन में जाने से पहले, उन प्रेरक पलों को इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद कर आगे बढ़ने का अवसर है. उन्होंने कहा कि हम अब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं. आजादी से पहले ये सदन इंपीरियल लेजिस्टिव काउंसिल था. आजादी के बाद ये संसद भवन के रूप में पहचान मिली. 


पुराना भवन आने वाली पीढ़ियों को देगा प्रेरणा


लोकसभा में दिए अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि ये सही है कि इस इमारत के निर्माण का फैसला विदेशी शासकों ने लिया था. लेकिन हमें ये बात कभी नहीं भूलना चाहिए कि इस भवन के निर्माण में परिश्रम, पसीना और पैसा मेरे देशवासियों के लगाया था. उन्होंने कहा कि हम भले ही नए भवन में जाएंगे. मगर ये पुराना भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा. 


चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से पूरा देश खुश: पीएम मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से आज पूरा देश अभिभूत है. इसमें भारत के सामर्थ्य का एक नया रूप जो आधुनिकता, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, हमारे वैज्ञानिकों और जो 140 करोड़ देशवासियों के संकल्प की शक्ति से जुड़ा हुआ है. वो देश और दुनिया पर नया प्रभाव पैदा करने वाला है. 


जी20 की सफलता पूरे देश की


देश में इस साल जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ. पीएम मोदी ने कहा कि जी20 की सफलता किसी व्यक्ति या दल की नहीं, बल्कि भारत के 140 करोड़ भारतीयों की सफलता है. भारत इस बात के लिए गर्व करेगा कि भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकन यूनियन जी20 का स्थाई सदस्य बना. उन्होंने कहा कि हम सबके लिए गर्व की बात है कि आज भारत 'विश्व मित्र' के रूप में अपनी जगह बना पाया है. आज पूरा विश्व, भारत में अपना मित्र खोज रहा है, भारत की मित्रता का अनुभव कर रहा है. 


लोकतंत्र की ताकत से गरीब परिवार का बच्चा पहुंचा संसद


प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदन से विदाई लेना बहुत ही भावुक पल है. हम जब इस सदन को हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन बहुत सारी भावनाओं और अनेक यादों से भरा हुआ है. उन्होंने कहा कि जब वह पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में आए, तो सहज रूप से उन्होंने इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर, इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन किया था. उन्होंने बताया कि वो पल उनके लिए भावनाओं से भरा हुआ था. 


पीएम मोदी ने कहा कि मैं कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था.लेकिन ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक गरीब परिवार का बच्चा पार्लियामेंट में पहुंच गया.


600 महिला सांसदों ने सदन की गरिमा को बढ़ाया


प्रधानमंत्री ने बताया कि करीब-करीब 7500 से ज्यादा जनप्रतिनिधि अब तक दोनों सदनों में अपना योगदान दे चुके हैं. इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा को बढ़ाया है. 


संसद हमले का किया जिक्र


प्रधानमंत्री मोदी ने संसद पर हुए हमले का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आतंकियों से लड़ते-लड़ते सदन और सदन के सदस्यों को बचाने के लिए जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां झेलीं, आज मैं उनको भी नमन करता हूं. वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्होंने बहुत बड़ी रक्षा की है. उन्होंने कहा कि आज जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं, तब मैं उन पत्रकार मित्रों को भी याद करना चाहता हूं, जिन्होंने पूरा जीवन संसद के काम को रिपोर्ट करने में लगा दिया. 


पूर्व प्रधानमंत्रियों का किया जिक्र


पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में देश की पहली सरकार ने औद्योगीकरण पर जोर दिया. फिर लाल बहादुर शास्त्री की सरकार हरित क्रांति लेकर आई. उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इसी सदन से 1965 के युद्ध में जवानों का हौसला बढ़ाय. पीएम ने कहा कि बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया था. इसी सदन ने इमरजेंसी में लोकतंत्र पर होता हुआ हमला भी देखा था और इसी सदन ने भारत के लोगों की ताकत का एहसास कराते हुए लोकतंत्र की वापसी भी देखी थी. 


नरसिम्हाराव की सरकार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पुरानी नीतियों को छोड़कर नई आर्थिक नीतियों को अपनाया. इसकी वजह से देश एक बड़े आर्थिक संकट से बच निकला. उनकी नीतियों का लाभ अभी भी मिल रहा है. 


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