PM Modi AT ICC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में शनिवार (1 जुलाई) को 17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने बीते 9 सालों में सहकारिता क्षेत्रों के बारे में हुए बदलावों और सरकार के प्रयासों के बारे में जानकारी दी.
पीएम मोदी ने कहा, आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है और मैने लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबका प्रयास आवश्यक है. जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई, तो हमने सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया. हमने पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया.
'को-ऑपरेटिव को कार्पोरेट जैसी सुविधाएं'
पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा, आज को-ऑपरेटिव को वैसी ही सुविधाएं, वैसे ही प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जैसे कार्पोरेट सेक्टर को मिलते हैं. सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है. सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है. हमारी सरकार ने सहकारी बैंकों को भी मजबूती दी है.
2014 से पहले अक्सर किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी बहुत मिलती भी थी वो बिचौलियों के खातों में जाती थी. सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे और मध्यम किसान वंचित ही रहते थे. लेकिन पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है. आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है. कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्जी लाभार्थी नहीं.
किसानों के खाते में सीधे भेजे गए 2.5 करोड़
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा, बीते 4 सालों में इस योजना के अंतर्गत 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए हैं. ये रकम कितनी बड़ी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 2014 से पहले के 5 सालों का कुल कृषि बजट ही मिलाकर 90 हजार करोड़ रुपये से कम था.
यानि तब पूरे देश की कृषि व्यवस्था पर जितना खर्च तब हुआ, उसका लगभग 3 गुना हम केवल किसान सम्मान निधि पर खर्च कर चुके हैं. दुनिया में निरंतर महंगी होती खादों और केमिकल का बोझ किसानों पर न पड़े, इसकी भी गारंटी केंद्र की बीजेपी सरकार ने आपको दी है.