नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त होने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर के 8 दलों के 14 जनप्रतिनिधियों के साथ सीधे संवाद करेंगे. प्रधानमंत्री आवास पर दिन में 3 बजे बुलाई गई बैठक का फिलहाल एजेंडा गुप्त रखा गया है. लेकिन माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के विकास समेत परिसीमन व अन्य मुद्दों पर सरकार स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेगी. जानिए इस बैठक से जुड़ी दस बड़ी बातें


1. सूत्रों के मुताबिक आज होने वाली बैठक में जम्मू-कश्मीर में डीलिमिटेशन के विषय पर चर्चा हो सकती है. बैठक में पीएम के अलावा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, एनएसए अजित डोवाल, पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा, गृहसचिव अजय भल्ला के अलावा कुछ अन्य ऊंच अधिकारी बैठक में शामिल रह सकते हैं. 


2. इस बैठक के साथ ही सूबे में डीलिमिटेशन की प्रक्रिया की आरंभ माना जाएगा. ये एक तरह से सूबे में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वाइड कंसल्टेशन का आरंभ. डीलिमिटेशन की प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो सकती है. डीलिमिटेशन के बाद नया वोटर लिस्ट तैयार करने और उसमें करेक्शन के बाद ही जम्मू कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया आरंभ हो सकता है. जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया शुरू होने में अभी भी सालभर का समय लग सकता है. देश के कानून और भारत सरकार द्वारा तयशुदा मानकों के अंतर्गत ही डीलिमिटेशन होगा. 


3. सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर को स्टेटहुड़ देने को लेकर फिलहाल किसी तरह की चर्चा का प्रस्ताव नहीं है. टोटल 14 प्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया गया है, नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, गुलाम अहमद मीर, ताराचंद, पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती, भाजपा के निर्मल सिंह, कविन्द्र गुप्ता और रविन्द्र रैना, पीपुल कांफ्रेंस के मुजफ्फर बेग और सज्जाद लोन, पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह, सीपीआईएम के एमवाई तारीगामी और जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी को बैठक में आमंत्रित किया गया है.


4. सूत्रों ने कड़े तेवर के साथ साफ़ किया जम्मू -कश्मीर के आंतरिक मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ किसी भी स्तर पर कोई बातचीत नहीं होगी, ऐसी बहस को छेड़ने वाले जम्मू-कश्मीर के शुभ चिंतक नहीं हो सकते हैं, सूत्रों ने उतने ही कड़े लहजे में साफ़ किया कि धारा 370 को हटाने और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने जैसे मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं  की जा सकती है ये मुद्दा सरकार के लिए अस्वीकार्य है.


5. पीएम नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि जम्मू -कश्मीर के पुनगठन के बाद राज्य ने जो कुछ हासिल किया है और जो कुछ राज्य के विकास के लिए किया जा सकता है उस पर खुले मन से चर्चा हो, इसके लिए जम्मू कश्मीर के सभी दल खुले मन और दिमाग़ से बैठक में हिस्सेदारी करे. मिली जानकारी के मुताबिक़, राज्य के विकास के लिए योजनाओं पर भी चर्चा हो सकती है.


6. प्रधानमंत्री की बैठक से पहले परिसीमन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के सभी उपायुक्तों के साथ मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन और सात नयी सीटें बनाने पर विचार-विमर्श किया. सूत्रों ने बताया कि सभी 20 उपाययुक्तों ने एक आनलाइन बैठक में भाग लिया, जिसमें विधानसभा सीटों को भौगोलिक रूप से अधिक सुगठित बनाने के तरीके के बारे में जानकारी एकत्र की गई.


7. बैठक से पहले कांग्रेस नेता  गुलाम नबी आजाद ने कहा- हम सर्वदलीय बैठक में हीं अपना रूख रखेंगे जब बैठक में हमारे सामने एजेंडा रखा जाएगा, क्योंकि अभी तक हममें से किसी को कोई एजेंडा नहीं दिया गया है. कांग्रेस से हम तीन लोग मैं, गुलाम अहमद मीर और ताराचंद बैठक में शामिल होंगे.


8. गुपकार के प्रवक्ता और लेफ्ट के नेता यूसुफ तारिगामी ने कहा, ‘‘हमें कोई एजेंडा नहीं दिया गया है. हम बैठक में यह जानने के लिए शामिल होंगे कि केंद्र क्या पेशकश कर रहा है.’’ तारिगामी उन 14 नेताओं में शामिल हैं जिन्हें प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में आमंत्रित किया गया है. 


9. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने बैठक के लिए रवाना होने से पहले महबूबा मुफ्ती पर हमला बोला. महबूबा मुफ्ती के बयानों पर बोलते हुए कहा कि बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, गोली और बोली एक साथ नहीं चल सकते. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से बात तभी हो सकती है. जब पाकिस्तान अमन और भाईचारे की स्थापना करें और अपने सभी राज ने आतंकी शिविरों को बंद करे.


10. पैंथर्स पार्टी के प्रोफ़ेसर भीम सिंह कहा कि प्रधानमंत्री का यह कदम निश्चित तौर पर स्वागत योग्य है क्योंकि इस बातचीत की बहुत ज्यादा जरूरत थी.प्रधानमंत्री ने अच्छी बात यह कि है कि जम्मू कश्मीर से जुड़ी हुई सभी राजनीतिक पार्टियों को बातचीत का न्योता दिया है. प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बातचीत के दौरान मुख्य मांग यही रहेगी कि जल्द से जल्द जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाए जाएं. 


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