नई दिल्ली: गुजरात के कच्छ में आज ही के दिन 1965 में सीआरपीएफ जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों से दो-दो हाथ कर न केवल भरतीय क्षेत्र में कब्जा करने की उनके मंसूबों पर पर पानी फेरा था, बल्कि उन्हें उनकी औकात बताते हुए उन्हें उनकी मांद में धकेल दिया था. ये घटना आज उस समय फिर जीवंत हो गई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर न केवल उस घटना को याद किया, बल्कि अदम्य साहस के लिए सीआरपीएफ जवानों को सलाम भी किया.
दरअसल आज के ही दिन यानी 9 अप्रैल 1965 में पाकिस्तानी सीमा से लगे हुए भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने के इरादे से पाकिस्तान की सेना ने डेज़र्ट हॉक ऑपरेशन चलाया था. पाकिस्तान सीमा से लगे गुजरात के कच्छ क्षेत्र में सरदार एवं टॉक पोस्टों पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की द्वितीय वाहिनी की दो कम्पनियां तैनात थीं. 9 अप्रैल 1965 को सुबह 3.30 बजे पाकिस्तान की एक पूरी इन्फेन्ट्री ब्रिगेड ने सरदार व टॉक चौकियों पर हमला कर दिया था.
12 घंटे तक यह भीषण लड़ाई चलती रही और सीआरपीएफ के जवानों ने पाकिस्तान की विशाल ब्रिगेड का डटकर मुकाबला किया. पाकिस्तानी सैनिकों को भारत की सीमा से वापस खदेड़ दिया. इस युद्ध में सीआरपीएफ के जवानों ने पाकिस्तानी सेना के 34 जवानों को मार गिराया और 4 को जिंदा गिरफ्तार किया था. इस युद्ध में सीआरपीएफ के 6 जवानों ने निडरता से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी और इतिहास में अमर हुए.
यह दुनिया के इतिहास में हुए अनेक युद्धों में से एकमात्र ऐसा युद्ध था, जिसमें पुलिसबल की एक छोटी सी टुकड़ी ने दुश्मन की विशाल ब्रिगेड को घुटने टेक वापस लौटने पर मजबूर कर दिया था. सीआरपीएफ के जवानों द्वारा दिखाई गई इस बहादुरी को हमेशा याद करने के लिए 9 अप्रैल का दिन शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. जिसके चलते गुरुवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर शौर्य दिवस पर सीआरपीएफ जवानों को याद किया.
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