नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनके बलिदान दिवस पर नमन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने अपना पूरा जीवन भारत की एकता और अखंडता को समर्पित कर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि एक मजबूत और एकजुट भारत के लिये उनका जुनून हमें आज भी प्रेरित करता है और 130 करोड़ भारतीयों की सेवा करने की ताकत प्रदान करता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनके बलिदान दिवस पर स्मरण कर रहा हूं. एक समर्पित देशभक्त और राष्ट्रवादी.’’



श्यामा प्रसाद मुखर्जी के लिए सिर्फ राष्ट्र सर्वोपरि था- अमित शाह


बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी जनसंघ के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनके बलिदान दिवस पर नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के लिए सिर्फ राष्ट्र सर्वोपरि था इसीलिए उन्होंने सत्ता का त्याग कर देश की एकता और अखंडता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. अमित शाह ने कहा कि एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान के विरुद्ध डॉ. मुखर्जी ने स्वतंत्र भारत का पहला राष्ट्रवादी आंदोलन छेड़ा था.





अमित शाह ने डॉ. मुखर्जी के कामों को किया याद


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया कि भारत के पुनर्निर्माण के उद्देश्य से डॉ. मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की थी. आज यदि हम जम्मू-कश्मीर में बिना परमिट के जा सकते हैं और पश्चिम बंगाल भारत का अभिन्न अंग है तो उसके पीछे डॉ. मुखर्जी का बलिदान है. उन्होंने कहा कि ऐसे अभिजात देशभक्त के बलिदान दिवस पर उनके चरणों में कोटि-कोटि वंदन. वहीं, बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस अवसर पर कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी किसी पद से जुड़े व्यक्ति नहीं थे और वह देश की सेवा करने के लिए आगे बढ़े थे.

श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश के लिए बलिदान दिया- जेपी नड्डा

जेपी नड्डा ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि भारत के तिरंगे का ही सम्मान होना चाहिए इसीलिए दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे. उन्हीं के बलिदान के कारण ही आज जम्मू कश्मीर से परमिट की व्यवस्था समाप्त हुई है. बीजेपी नेता ने कहा कि डॉ मुखर्जी प्रखर राष्ट्रवादी, दूरद्रष्टा और दिशा देने वाले नेता थे. गौरतलब है कि 23 जून 1953 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु हो गयी.

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