नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले, अविश्वास प्रस्ताव, कावेरी जल विवाद जैसे मसलों पर हुए विपक्ष के हंगामे के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल उपवास करेंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के सभी सांसदों से कहा है कि वह अपन संसदीय क्षेत्र में उपवास करें और जनता को विपक्ष के बारे में बताएं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र की जो समस्याएं संसद में उठानी थी, उसे अब जनता में उठाएं.
संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन के कारण बिना किसी कार्यवाही के छह अप्रैल को समाप्त हो गया था. भारतीय जनता पार्टी बीजेपी के प्रवक्ता जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने बताया, "प्रधानमंत्री अपने आधिकारिक कार्यों को करते हुए भी उपवास करेंगे."
वहीं कांग्रेस ने पीएम मोदी के उपवाल को ढ़ोंग करार दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''मोदी सरकार द्वारा उपवास एक ढोंग है. बीजेपी को राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए और 250 से अधिक घंटों तक संसद को बाधित करने के लिए उपवास करना चाहिए. लोकसभा में जहां बीजेपी का बहुमत है वहां इसके समय का केवल एक प्रतिशत समय कामकाज हुआ और राज्यसभा में केवल छह प्रतिशत काम हुआ.''
सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार को लोकसभा में पूर्ण बहुमत के बावजूद संसद का कामकाज नहीं होने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
अंबेडकर जयंती को लेकर बीजेपी का बिग प्लान
प्रधानमंत्री ने आज कहा कि 14 अप्रैल को सभी सांसद अपने क्षेत्रों में अंबेडकर जयंती मनाएं. बीजेपी अंबेडकर जयंती को 'राष्ट्रीय न्याय दिवस' के रूप में मनाएगी. पार्टी ने यह भी तय किया है कि वह 14 अप्रैल से लेकर 5 मई तक ग्राम स्वराज अभियान चलायेगी. पीएम ने सांसदों से कहा है कि वह इस दौरान सरकार के कामकाजों के बारे में जनता को बताएं.
आपको बता दें कि हाल ही में एससी/एसटी कानून को कमजोर किये जाने के खिलाफ दलित आंदोलन हुए हैं. जिसके बाद पार्टी बैकफुट पर है. वहीं बीजेपी के ही पांच दलित सांसदों ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार दलितों के हित में काम करने में विफल रही है.