नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए गुरुवार को किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक पहुंचे. मोदी लोकसभा चुनाव में दोबारा जीतने के बाद पहले बहुपक्षीय सम्मेलन में भाग ले रहे है.


पीएम मोदी ने बिश्केक की अपनी दो दिवसीय यात्रा से पहले एक बयान में कहा कि उनकी एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत कई नेताओं से मिलने की योजना है.






समिट में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल होंगे. हालांकि, मोदी और इमरान की मुलाकात नहीं होगी. इमरान पहले ही मोदी को पत्र लिखकर बातचीत की मांग कर चुके हैं.


पीएम मोदी ने बुधवार को कहा, ‘‘हम क्षेत्र में बहुपक्षीय, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संवाद को बढ़ावा देने में एससीओ को विशेष महत्व देते हैं. भारत ने दो साल पहले एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद इसके विभिन्न वार्ता तंत्रों में सक्रियता से भाग लिया है.’’ पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने किर्गिज गणराज्य की अध्यक्षता को पूरा सहयोग दिया है.


2001 में बना था शंघाई सहयोग संगठन

एससीओ एक राजनीतिक और सुरक्षा समूह है. इसका हेडक्वार्टर बीजिंग में है. यह 2001 में बनाया गया था. चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान इसके स्थाई सदस्य हैं. यह संगठन खासतौर पर सदस्य देशों के बीच सैन्य और आर्थिक सहयोग के लिए बनाया गया है. इसमें खुफिया जानकारियों को साझा करना और मध्य एशिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना शामिल है. भारत और पाकिस्तान इस संगठन से 2017 स्थाई सदस्य के तौर पर जुड़े थे.


यह भी देखें