बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरु में प्रवासी भारतीय समारोह में हिस्सा लिया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा हम पासपोर्ट का रंग नहीं बल्कि खून से लिखे रिश्तों को देखते हैं.


प्रवासी भारतीय समारोह विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के लिए अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन है. पीएम मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने देश की अर्थव्यवस्था में अमूल्य योगदान दिया है. हम प्रतिभा पलायन को प्रतिभा वापसी में बदलना चाहते हैं.



मोदी ने आगे कहा कि प्रवासियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 69 अरब डॉलर का योगदान दिया है. ये सर्वश्रेष्ठ भारतीय प्रकृति, संस्कृति और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने कहा कि हम जल्द ‘प्रवासी कौशल विकास योजना’ शुरू करेंगे. यह योजना उन भारतीय युवाओं के लिए होगी जो विदेशों में काम करना चाहते हैं.


विदेशों में बसे भारतीयों की सुरक्षा पर बोलते हुए पीएम मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ भी की. उन्होंने कहा, ‘’विदेशों में बसे भारतीयों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है, सुषमा स्वराज सक्रिय रही हैं और विदेशों में बसे भारतीयों के संकटों को दूर करने में उन्होंने तत्परता दिखाई है.’’


मोदी ने नोटबंदी पर बोलते हुए कहा, ‘’भ्रष्टाचार, कालाधन हमारे समाज और राजनीति को खोखला कर रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीति में कालेधन के कुछ उपासक हैं.’’ उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई ‘राजनीतिक पुजारियों’  की तरफ से जनविरोधी बताई जा रही है.’’


 


आपको बता दें कि 14वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि पुर्तगाल के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री एंतोनियो कोस्ता हैं. आज इस समारोह का दूसरा दिन था.


बेंगलुरू इंटरनेशनल एक्जीबिशन सेंटर में हो रहे इस आयोजन में दुनिया भर से 6000 से अधिक प्रवासी भारतीयों ने हिस्सा लिया.  ये आयोजन विदेशों में रह रहे भारतीयों को दुनिया के विभिन्न भागों में रह रहे भारतीय समुदाय से मिलने जुलने और संपर्क बनाने का मौका देता है. प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में वाजपेयी सरकार ने की थी.