जापान: पीएम मोदी के सामने लगे 'जयश्री राम' के नारे, पीएम बोले-टैलेंट और टेक्नोलॉजी से होगा राष्ट्र निर्माण
कल से शुरू हो रहे G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी आज जापान पहुंचे. पीएम मोदी यहां भारतीय मूल के लोगों से मिले. इस दौरान पीएम के सामने जय श्रीराम के नारे भी लगे. पीएम प्रचंड बहुमत के लिए अप्रवासी भारतीयों का भी धन्यवाद दिया.
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कोवे, जापान: G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी आज जापान पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के कोवे में भारतीय मूल के समुदाय को संबोधित किया. पीएम ने अप्रवासी भारतीयों के बीच भारत-जापान संबंधों, बीजेपी की दोबारा जीत, भारत की वैश्विक संभावनाओं को लेकर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने कहा कि जब आप स्टेडियम में मैच देखने जाते हैं और बल्लेबाज आउट होता है तो थोड़ी देर में समझ आता है कि गेंद कहां गई, किधर से गई. लेकिन जब घर पर टीवी पर देखते हैं तो तुरंत समझ आ जाता है. इसी तरह आप लोग भी दूर से बैठकर पूरा सच देख रहे हैं. पीएम मोदी के भाषण के बाद वंदे मातरम और जय श्रीराम के नारे भी लगे.
बीजेपी को प्रचंड बहुमत पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ''न्यू इंडिया की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिला जनादेश पूरे विश्व के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करेगा. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के जिस मंत्र पर हम चल रहे हैं, वो भारत पर दुनिया के विश्वास को भी मजबूत करेगा.''
जापान के साथ भारत के संबंधों को लेकर पीएम ने कहा कि ये रिश्ते आज के नहीं बल्कि सदियों पुराने हैं. पीएम ने कहा, ''जब दुनिया के साथ भारत के रिश्तों की बात आती है तो जापान का उसमें एक अहम स्थान है. ये रिश्ते आज के नहीं हैं, बल्कि सदियों के हैं. इनके मूल में आत्मीयता है, सद्भावना है, एक दूसरे की संस्कृति और सभ्यता के लिए सम्मान है.''
पीएम मोदी ने भारत और जापान के कुछ शब्दों में समानता भी बताई. उन्होंने कहा, ''हमारी बोलचाल के भी कुछ सूत्र हैं जो हमें जोड़ते हैं. जिसे भारत में 'ध्यान' कहा जाता है, उसे जापान में 'जेन' कहा जाता है. जिसे भारत में 'सेवा' कहा जाता है, उसे जापान में भी 'सेवा' कहा जाता है.'' जापान के साथ पुराने संबंधों को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''लगभग 2 दशक पहले, प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी और प्रधानमंत्री योशिरो मोरी जी ने मिलकर हमारे रिश्तों को ग्लोबल पार्टनरशिप का रूप दिया था. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, मुझे मेरे मित्र प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे के साथ मिलकर इस दोस्ती को मजबूत करने का मौका मिला.''
प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के पीएम शिंजो आबे की भारत यात्रा को भी याद किया. उन्होंने कहा, ''दिल्ली के अलावा अहमदाबाद और वाराणसी प्रधानमंत्री आबे को ले जाने का सौभाग्य मुझे मिला. प्रधानमंत्री आबे मेरे संसदीय क्षेत्र और दुनिया की सबसे पुरानी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नगरी में से एक काशी में गंगा आरती में शामिल हुए. उनकी ये तस्वीरें भी हर भारतीय के मन में बस गई हैं.''
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''एक समय था जब हम कार बनाने में सहयोग कर रहे थे और आज हम बुलेट ट्रेन बनाने में सहयोग कर रहे हैं. आज भारत का ऐसा कोई भाग नहीं है जहां जापान के प्रोजेक्ट्स या इंवेस्टमेंट्स ने अपनी छाप न छोड़ी हो. इसी प्रकार भारत का टैलेंट और मैनपावर जापान को मजबूत करने में योगदान दे रहा है.''
पीएम ने कहा, ''डिजिटल लिटरेसी आज बहुत तेजी से बढ़ रही है. डिजिटल ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड स्तर पर हैं, इनोवेशन और इन्क्यूबेशन के लिए एक बहुत बड़ा इंफ्रास्ट्रेक्चर तैयार हो रहा है. इसी के बल पर आने वाले 5 वर्ष में 50 हजार स्टार्टअप का इको सिस्टम भारत को बनाने का लक्ष्य हमने रखा है.''
भारत के लक्ष्य को लेकर पीएम ने कहा, ''भारत की 130 करोड़ जनता के जीवन को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए सस्ती और प्रभावी स्पेस टेक्नोलॉजी हासिल करना हमारा लक्ष्य है. मुझे खुशी है कि सफलता के साथ हम आगे बढ़ पा रहे हैं.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम मून मिशन को आगे बढाते हुए जल्द चंद्रयान 2 भेजने वाले हैं. 2022 तक हमारा लक्ष्य गगनयान भेजने का है, जिससे हिंदुस्तान का कोई व्यक्ति वहां तिरंगा लहराए. हम अपने स्पेस स्टेशन को लेकर संभावनाएं तलाश रहे हैं.
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