Narendra Modi Birthday: मध्य प्रदेश के कूनो वाइल्डलाइफ सेंचुरी में अफ्रीका के नामीबिया से आठ चीते लाए जा रहे हैं. भारत में प्रोजेक्ट चीता के प्रमुख और नेशनल टाइगर कंजरवेटिव अथॉरिटी के सेक्रेटरी एसपी यादव ने बताया कि चीते चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट से लाए जा रहे हैं जो कि विशेष रूप से बोइंग 747 को तैयार करके बनाया गया है. इस विमान पर चीते का मुंह प्रिंट किया गया है. ये बड़ा प्लेन इसलिए लिया गया ताकि डायरेक्ट फ्लाइट से बिना रिफ्यूलिंग चीता सीधा भारत आ सके.


इसमें चीते के अलावा क्रू मेंबर, कुछ वेटनरी डॉक्टर, वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट, चीता एक्सपोर्ट, तीन भारतीय वैज्ञानिक, डॉक्टर और अधिकारी होंगे. इसके अलावा नामीबिया में हिंदुस्तान के हाई कमिश्नर भी मौजूद रहेंगे. साथ ही चीता कंजरवेटिव लॉरी मारकर भी इस फ्लाइट में होंगी.


चीते को किस बॉक्स में लाया जा रहा है


इन आठ चीतों को लकड़ी के जिस बॉक्स में लाया जा रहा उसे अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार बनाया गया है, जिसमें हवा के आने-जाने की सुविधा है. इनमें से एक का नाम "शाशा" जो कि बेहद खूबसूरत और जिसकी फोटो सिर्फ एबीपी न्यूज के पास है.


भारत में चीते कब पहुंचेंगे 


प्रोजेक्ट चीता के प्रमुख एसपी यादव ने बताया कि शुक्रवार की शाम 5 बजे चीते नामीबिया से भारत लाने के लिए उड़ाने भरेंगे. इसके अगले दिन यानी शनिवार सुबह 6 बजे चीते हिंदुस्तान पहुंच जाएंगे. करीब आधे घंटे हेलीकॉप्टर ट्रांसफर में लगेगा, तो उम्मीद है कि सबुह 7.30 बजे तक चीते कूनो वाइल्डलाइफ सेंचुरी में पहुंच जाएंगे.


चीते की खासियत


चीते को सबसे तेज दौड़ने वाला माना जाता है. इसकी रफ्तार 100-200 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है. कूनो वाइल्डलाइफ सेंचुरी को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां छोटी-छोटी पहाड़ियां और जंगल हैं, जो चीते के लिए सही है. कूनो नेशनल पार्क में स्पॉट डियर और कई पक्षी जिसका चीते शिकार कर सकते हैं. नामीबिया और साउथ अफ्रीका से तुलना करेंगे तो हम कहीं भी कम नहीं है. 


ऐसे होगी निगरानी


एसपी यादव ने बताया कि जो भी चीता लाया जा उन सब पर रेडियो कॉलर लगा होगा ताकि सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा सके. इसके अलावा हर एक चीते की लोकशन और मॉनिटरिंग 24 घंटे एक डेडिकेटेड मॉनिटरिंग टीम करती रहेगी. साथ ही एक पेट्रोलिंग स्टाफ होगा.


क्या योजना है


एसपी यादव ने बताया कि अभी की योजना के मुताबिक क्वारंटीन नंबर वन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहला चीता छोड़ेंगे. इससे लगभग 70 मीटर दूर दूसरे क्वारंटीन इनक्लोजर पर पीएम मोदी द्वारा दूसरा चीता छोड़ा जाएगा. यह पहली बार है कि किसी एक महाद्वीप से बाहर चीते का ट्रांसफर हो रहा है. मशूहर चीता कंजरवेटिव लॉरी मारकर ने भारत को चीता देने का फैसला किया है.


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