Cabinet approved Modification of National Livestock Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज यानी बुधवार (22 फरवरी) को ग्रामीण आबादी के लिए राष्ट्रीय पशुपालन मिशन में कई बदलावों को मंज़ूरी दे दी. इस योजना के तहत नई गतिविधियों में घोड़े, गधे, खच्चर और ऊंटों के लिए उद्यमिता (एंटरप्रेन्योरशिप) की स्थापना करना भी शामिल है. यानी इन्हें पालने पर सरकार की तरफ से काफी सब्सिडी मिलेगी.


इसके लिए व्यक्तियों, कृषक उत्पादक संगठनों (FPO), स्वयं सहायता समूहों (HSG), संयुक्त देयता समूहों (JLC), किसान उत्पादक कंपनियों (FCO) और सेक्शन-8 के तहत आने वाली कंपनियों को 50 प्रतिशत तक यानी 50 लाख रुपये तक की कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी.


ये हैं नए और बड़े बदलाव


1. योजना में घोड़े, गधे और ऊंटों की नस्ल को संरक्षित करने के लिए भी मदद दी जाएगी. इसके तहत केंद्र सरकार घोड़े, गधे और ऊंटों के लिए सीमेन स्टेशन और न्यूक्लियस बरीडिंग फार्म की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपये देगी.


 2. चारा बीज प्रोसेसिंग के बुनियादी ढांचे के लिए भी निजी कंपनियों, स्टार्टअप, स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों, संयुक्त देयता समूहों और किसान सहकारी समितियों को 50 लाख रुपये तक की 50 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी.


3. इस योजना के तहत चारे की खेती के क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए भी मदद दी जाएगी. इसके लिए गैर-वन भूमि, बंजर भूमि, गैर-कृषि योग्य भूमि के साथ-साथ वन भूमि में चारे की खेती और वन भूमि के साथ-साथ वनों से चारा उत्पादन के लिए भी मदद दी जाएगी.


4. केंद्र सरकार ने पशुधन बीमा कार्यक्रम को भी काफी सरल कर दिया है. सरकार किसानों के लिए प्रीमियम में उनका हिस्सा घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया है. पहले यह 20, 30, 40 और 50 पर्सेंट तक था. बचा हुआ प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकार मिलकर भरेंगे. बीमा किए जाने वाले पशुओं की संख्या भी भेड़ और बकरी के लिए 5 कैटल यूनिट की जगह 10 कैटल यूनिट तक बढ़ा दी गई है.


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