Indians In Sudan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीकी देश सूडान में फंसे भारतीयों के सुरक्षा हालातों के मद्देनजर एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई है. सूत्रों के हवाले से मिली शुक्रवार (21 अप्रैल) को इस खबर के सामने आने के बाद संभावना जताई जा रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी सूडान में फंसे भारतीयों की स्थिति पर अपडेट लेने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने को लेकर भी बड़ा फैसला ले सकते हैं.


दरअसल, दक्षिण अफ्रीकी देश सूडान में बीते एक हफ्ते से गृहयुद्ध जारी है. सूडानी सशस्त्र बल (SAF) और पैरामिलिट्री फोर्स (RSF) के बीच हुई इस जंग में सूडान के मासूम लोग पिस रहे हैं. इतना ही नहीं सूडान में चल रहे गृहयुद्ध में कई भारतीय भी फंसे हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गृहयुद्ध में फंसे एक भारतीय की मौत हो गई है. वहीं, 300 से ज्यादा भारतीयों के अभी भी फंसे होने की आशंका है. 


राजधानी खार्तूम छोड़ भाग रहे लोग


गृहयुद्ध में घिरे सूडान के कई शहरों में लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. बताया जा रहा है कि अब तक इस युद्ध में 270 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 2500 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. हालात इस कदर बदतर हो गए हैं कि राजधानी खार्तूम को छोड़कर बड़ी संख्या में लोग भाग गए हैं.


बताया जा रहा है कि मरने वाले शख्स का नाम अल्बर्ट ऑगस्टीन था और वो डाल ग्रुप के लिए काम करता था. उसकी मौत गोली लगने से हुई थी, जिसे किसी अज्ञात शख्स ने चलाया था. भारत सरकार और खार्तूम में स्थित भारतीय दूतावास ने गुरुवार (20 अप्रैल) को भारतीय नागरिकों को सूडान में शेल्टर में जाने की सलाह दी. अधिकारियों ने कहा कि इन लोगों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए तत्काल योजनाएं बनाई गई हैं. 


विदेश मंत्रालय ने जारी किए निर्देश


हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अभी के लिए हमारी सलाह है, वो (भारतीय नागरिक) जहां हैं वहीं रुकें. वहीं पर ही सुरक्षित ठिकानों में चले जाएं. जब तक हालात न सुधरें, कहीं और जाने की कोशिश न करें. खार्तूम में स्थित दूतावास के मुताबिक, सूडान में करीब 2800 भारतीय फंसे हुए हैं. इसी के साथ 1200 लोग ऐसे हैं, जो सूडान में 150 सालों से बसे हुए हैं.


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