पीएम मोदी को दारुल उलूम देवबंद जाने का दिया जाएगा न्योता? जानें मौलाना अरशद मदनी ने क्या कहा
Darul Uloom Deoband News: उत्तर प्रदेश के देवबंद में मौजूद दारुल उलूम देवबंद देश के प्रमुख मदरसों में से एक है. इसकी गिनती देश के सबसे पुराने मदरसों में होती है.
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PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम पद संभालने के बाद से ही मुस्लिमों के बीच अपनी पहुंच बनाई है. उन्हें अक्सर ही मुस्लिम समुदायों से मुलाकात करते हुए देखा जाता है. फिर वह दाऊदी बोहरा समुदाय से मुलाकात हो या फिर मुस्लिम देशों के साथ बढ़ती दोस्ती. पीएम ने लगातार मुस्लिम समुदाय के साथ करीबी बनाई है. हालांकि, इन सबके बाद भी अभी तक पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के देवबंद में मौजूद दारुल उलूम देवबंद नहीं गए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हाल ही में प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से सवाल किया गया है कि क्या वह पीएम मोदी को दारुल उलूम देवबंद के दौरे का न्यौता देंगे. इस पर मदनी ने कहा, 'दारुल उलूम की तरफ से किसी को न्योता नहीं दिया जाता है. जो लोग भी वहां गए हैं, वे खुद गए हैं. जो भी वहां जाता है, हम उसका स्वागत करते हैं.' ऐसे में देखना होगा कि पीएम मोदी दारुल उलूम कब जाते हैं.
ज्ञानवापी मामले पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी मस्जिद कमेटी: मौलाना मदनी
ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं को भले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से खारिज कर दिया गया है. मगर हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले हैं. उन्होंने कहा कि मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट जाने वाली है. कुछ वकीलों से भी बात कर ली गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने के निर्देश को चुनौती देने वाली सभी पांच याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
मौलाना मदनी ने कहा कि हम देश की सबसे बड़े कोर्ट में अपना मामला रखेंगे. उसकी तरफ से जो फैसला दिया जाएगा. हम उसे मानेंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट हमारे देश की सबसे बड़ी अदालत है. उसके बाद कोई भी कानूनी रास्ता नहीं बचता है. मदनी ने कहा कि जब पूजा स्थल कानून बना, तो हमें उम्मीद थी कि अब किसी और मस्जिद का मसला नहीं उठाया जाएगा. मगर सांप्रदायिक ताकतों ने इसे खत्म नहीं होने दिया. ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की ईदगाह का मुद्दा उठाया गया.
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