नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ताउते से उत्‍पन्‍न स्थिति की समीक्षा करने के लिए आज गुजरात का दौरा किया. प्रधानमंत्री ने गुजरात और दीव के ऊना गिर-सोमनाथ, जाफराबाद (अमरेली), महुआ (भावनगर) में चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके बाद, उन्होंने गुजरात और दीव में किए जा रहे राहत और पुनर्वास उपायों की समीक्षा के लिए अहमदाबाद में एक बैठक की अध्यक्षता की.


वहीं गुजरात को तत्काल राहत गतिविधियों के लिए 1,000 करोड़ रुपये की मदद दी गई है. इसके बाद, केंद्र सरकार राज्य में नुकसान की सीमा का आंकलन करने और राज्य का दौरा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी दल तैनात करेगी, जिसके आधार पर आगे की सहायता दी जाएगी. प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी. प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की बहाली और पुनर्निर्माण के लिए हर संभव सहायता देगी.


कोविड स्थिति का भी जायजा


अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कोविड महामारी से संबंधित स्थिति का भी जायजा लिया. राज्य प्रशासन ने पीएम को उठाए जा रहे प्रतिक्रिया उपायों से अवगत कराया और पीएम ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि निवारक उपाय भी किए जाने चाहिए. गुजरात के इस दौरे के दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य अधिकारी भी थे.


राहत राशि की घोषणा


प्रधानमंत्री ने भारत के विभिन्न हिस्सों में चक्रवात के कारण पीड़ित सभी लोगों के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त की और आपदा के दौरान अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति गहरा दुख व्यक्त किया. पीएम ने मृतक के परिजन को 2 लाख और चक्रवात में गंभीर रूप से घायल लोगों को 50000 रुपये की राहत राशि की घोषणा की. पीएम मोदी ने केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेशों दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली के निवासियों को भरोसा दिलाया कि मुसीबत की इस घड़ी में केंद्र सरकार उनके साथ खड़ी है.


प्रधानमंत्री ने कहा कि चक्रवात के बाद की स्थिति के मद्देनजर केंद्र प्रभावित राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है. इन राज्यों के लिए तत्काल वित्तीय सहायता भी दी जाएगी, जब संबंधित राज्य सरकारें केंद्र के साथ अपना आकलन साझा करेंगी. पीएम मोदी ने कहा कि हमें आपदा प्रबंधन से संबंधित और अधिक वैज्ञानिक अध्ययनों पर ध्यान देना जारी रखना होगा.


उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों से त्वरित निकासी सुनिश्चित करने के लिए अंतर-राज्य समन्वय बढ़ाने के साथ-साथ आधुनिक संचार तकनीकों का उपयोग करने पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया. उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त घरों और संपत्तियों की मरम्मत के लिए तत्काल ध्यान देने का भी आह्वान किया.