PM Modi On ABP News: लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी और सातवें चरण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एबीपी न्यूज को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को लेकर सरकार के रोडमैप से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात पर खुलकर अपनी बात रखी. इसके साथ ही उन्होंने चुनावी नतीजों के दिन अपनी दिनचर्या से लेकर ताबड़तोड़ प्रचार और आपाधापी के बीच चक्रवात रेमल की रिव्यू मीटिंग करने के लिए समय निकालने जैसे सवालों का जवाब दिया.


दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए क्या है रोडमैप?



एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के रोडमैप के सवाल पर कहा, 'देश की इकोनॉमी जब 11 पर थी, उससे हम 5 पर आए. 11 से 5 एक बहुत बड़ा जंप होता है. उसके कारण देश में क्या हुआ, ये देखना होगा. पहले कितने किमी रोड बनता था? अब कितना बनता है. पहले गरीबों को कितने घर बनते थे? अब कितने बनते हैं. पहले कितने गरीबों को कितना अनाज मिलता था? अब कितना मिलता है. पहले गरीबों को हेल्थ के लिए क्या सुविधा मिलती थी? आज कितनी मिलती है.'


उन्होंने कहा, 'किसी भी पैरामीटर से देखिए. परिवार में एक आदमी कमाता है तो उस आय को कैसे उपयोग करना है, इस पर फैमिली अपना बजट बनाता है. जब दो लोग कमाने लगते हैं तो उसी तारीख से उनके बजट का रूप बदल जाता है. जब इकोनॉमी का कद बढ़ता है तो आपके पास निपुणता होती है. आप उसको अच्छी तरह से बांट सकते हैं. इकोनॉमी 11 से 5 जाती है तो कद बढ़ता है. 5 से 3 जाती है तो एकदम से आपकी ताकत बढ़ जाती है. इससे दुनिया का आपकी तरफ देखने का नजरिया बदल जाता है. वो लिबरल तरीके से फाइनेंस करते हैं तो इससे बोझ कम होता जाता है. मुजे विश्वास है कि आने वाले 10 सालों में जो हमने फैसले लिए हैं, जो जमीनी काम किए हैं. उसका असर देखने को मिलेगा.'


'आज लोग मांगते हैं डबल-ट्रिपल रोड'


इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने गुजरात का एक किस्सा सुनाया. पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के एक सुदूर हिस्से के प्रतिनिधिमंडल मिलने आया. उन्होंने सड़क बनवाने की मांग की. मैंने उनसे कहा कि मैं तो आपके यहां स्कूटर से आया हूं, आपके यहां तो रोड है. इस पर वो बोले कि हमें प्राइवेट रोड चाहिए. मैंने उनसे कहा कि क्या बात करते हैं, प्राइवेट रोड कहां बनती हैं. पहले गांव के लोग नेताओं-विधायकों को ज्ञापन पत्र देते थे कि जब अकाल होगा, राहत के काम चलेंगे तो हमारे यहां मिट्टी डलवा दीजिएगा. आज लोग सिंगल रोड है तो डबल और डबल है तो ट्रिपल रोड मांगते हैं.


'10 सालों में ईडी ने पकड़े थे केवल 34 लाख और अब...'


भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि कैमरे के सामने नोटों के पहाड़ दिख रहे हैं. इसको कैसे मना कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक ईडी ने केवल 34 लाख रुपये जब्त किए थे. 2014 से 2024 से 2200 करोड़ रुपये ईडी ने जब्त किए. पीएम मोदी ने कहा कि बड़े-बड़े लोग अंदर हैं. कौन होगा, कौन नहीं होगा, मुझे नहीं पता है. कागजों को और फाइलों को पता होगा, लेकिन मुझे पता हो या न हो, जिसने पाप किया है, उसको पता है कि उसका नंबर लगने वाला है.


पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा कि पिछले 30 सालों में कुछ भी हो, पहले छोटी मछलियों पर कार्रवाई होती थी. मगरमच्छ छूट जाते थे. अब मैं हैरान हूं कि देश में पूछा जा रहा है कि आप मगरमच्छ को हाथ क्यों लगाते हो. अगर ईडी और सीबीआई ये काम करता है तो उनका सार्वजनिक सम्मान होना चाहिए.


कैसे वापस देंगे गरीबों से लूटा हुआ पैसा?


पीएम मोदी ने इंटरव्यू के दौरान कहा, 'मेरी सोच है कि गरीबों का पैसा वापस जाना चाहिए. एक पैसा जिसने दिया है और जिसको दिया है, उसका मनी ट्रेल होना चाहिए. अब ये संभव हो गया है. जैसे बिहार में नौकरी के बदले जमीन का कांड हुआ. जमीन किसकी है, ये पता है और नौकरी किस परिवार के शख्स को मिली, ये पता है. मैंने अफसरों से कहां कि तरीका खोजो कि क्या हम उनकी जमीन उनको वापस कर सकते हैं क्या? इस पर न्याय संहिता में भी व्यवस्था की गई है.'


चुनावी नतीजों वाले दिन क्या होती है पीएम मोदी की दिनचर्या?


पीएम मोदी ने कहा कि मैं उस दिन उन चीजों से दूर रहने के लिए एक्स्ट्रा कॉन्सियस रहता हूं. उस दिन मेरे कमरे में किसी की एंट्री नहीं होती है. पीएम मोदी ने किस्सा सुनाते हुए कहा, '2002 में गुजरात के चुनाव थे. एक बजे मेरे घर के बाहर ढोल बजने लगे. मेरे पास एक चिट्ठी आई कि पार्टी के कार्यकर्ता आपसे मिलना चाहते हैं. तब मैंने जाना कि क्या नतीजे आए हैं. मैं नीचे आया तो मैंने एक अच्छी माला और मिठाई मंगवाई. इसके बाद मैंने केशुभाई पटेल के घर जाकर उनको माला पहनाई और मिठाई खिलाकर उनका सम्मान किया. तब जाकर नतीजों को सेलिब्रेट किया. उन्होंने कहा कि मैं विरक्त भाव में रहता हूं. मैं न रुझानों पर ध्यान देता हूं, न नतीजों पर ध्यान देता हूं. मैं एक मिशन के तहत काम करता हूं.' 


तानाशाह कहे जाने पर पीएम मोदी ने दिया ये रिएक्शन


इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष की ओर से तानाशाह कहे जाने के सवाल पर कहा, 'मुझे लगता है कि तानाशाह बिरादरी सबसे ज्यादा दुखी होती होगी. उनको लगता होगा कि उनका इतना डिग्रेडेशन हो गया है. वास्तव में जो तानाशाह होंगे, उनको लगता होगा कि उनका मार्केट डाउन हो गया है. हमारे नसीब में गाली-गलौज अपमान लिखा है. मैं बचपन से ऐसी ही जिंदगी गुजर करके आया हूं. हम मानकर चलते हैं कि हम सहन कर लेंगे. बचपन से गालियां सुनी हैं. इस पर हमें कोई शिकायत नहीं है.'


पीएम मोदी ने सुनाया थप्पड़ का किस्सा


पीएम मोदी ने कहा कि हम बचपन से यही सुनते आए हैं. मैं कप-प्लेट धोता था, जिस दुकान में काम करता था, वो भी कभी डांट देता था. कभी किसी को ठंडी चाय दे दो तो वो भी थप्पड़ मार देता था. उस समय तो एक रुपये भी कीमत नहीं थी चाय की. तो इस तरह की चीजें के लिए मुझे कोई शिकायत नहीं है.  


मुस्लिम आरक्षण को लेकर पीएम मोदी ने कही ये बात


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें संविधान की भावना का सम्मान करना चाहिए. संविधान में जो लिखा गया है, उसका सम्मान करना चाहिए. चाहे बाबा साहब आंबेडकर हों, राजेंद्र प्रसाद हों, चाहे पंडित नेहरू हों, इन सब लोगों ने कहा कि हमारे देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं है. आज ये धर्म के आधार पर आरक्षण करना चाहते हैं. मैं कहता हूं कि ये संविधान का अपमान है. ये संविधान को खत्म करने के उनके तौर-तरीके हैं. मैं मुसलमानों के खिलाफ नहीं हूं. हमारा संविधान कहता है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हो सकता है.


'सवर्ण आरक्षण से समाज में नहीं पैदा हुई दूरी'


उन्होंने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर हर बार लड़ाई हुई है. समाज में बिखराव हुआ है. मैं अकेला व्यक्ति हूं, जिसने आरक्षण का फैसला भी किया और समाज को जोड़ा भी. मैंने एससी-एसटी और ओबीसी में नहीं आने वाले गरीब सामान्य वर्ग को आरक्षण देने का फैसला किया. उसमें मुसलमान भी है, उसमें ईसाई, जैन, बौद्ध भी है. मैंने धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं किया. उनकी आर्थिक स्थिति के हिसाब से ये आरक्षण आया. इसे सबने स्वीकार किया.  


मुस्लिमों के वोट बैंक बनने पर क्या बोले पीएम मोदी?


पीएम मोदी ने कहा कि शाही परिवार (गांधी परिवार) की एक करीबी फैमिली, जो हाईली क्वालीफाईड है, वहां से वोट जिहाद की बात निकलती है तो ये चिंता का विषय है. कोई कम पढ़ा-लिखा शख्स ये बात करे तो समझ में आता है, लेकिन ऐसे परिवार जब वोट जिहाद की बात कहें तो ये चिंता बढ़ाने वाला है. मेरे काम में सामाजिक न्याय की गारंटी है. सबका साथ-सबका विकास केवल नारा नहीं है, ये सब पर लागू होता है.


मुस्लिमों की पसंद और नापसंदी पर पीएम मोदी ने कही ये बात


इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र का अनिवार्य अंग है कि अगर सब लोग मुझे पसंद करें तो वो लोकतंत्र नहीं हो सकता है. ये कोई तरीका नहीं हो सकता है. फिर तो वो मजबूरी है उनकी कि मुझे पसंद करना होगा. मुझे वो नहीं चाहिए. जिस दिन वो कन्विंस हो जाएं, जिस दिन उनको लगे कि हमारा भविष्य इसमें है. मुसलमानों को समझना होगा कि देश के भविष्य के साथ उनका भविष्य जुड़ा हुआ है.


पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट से कर दी ये मांग


एबीपी न्यूज़ के इंटरव्यू में पीएम मोदी से पश्चिम बंगाल में कोलकाता हाई कोर्ट की ओर से मुस्लिम आरक्षण पर दिए गए फैसले पर सीएम ममता बनर्जी की टिप्पणी पर सवाल किया गया. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी अदालत का अपमान है. आप अदालत जाइए और अपनी लड़ाई लड़िए. इस प्रकार से कोर्ट को कहना कि बीजेपी के हिसाब से फैसला है. अदालत को इस प्रकार से अपमानित करने पर सुप्रीम कोर्ट को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. जो भी आवश्यक हो, वो कार्यवाही करे. कोई व्यक्ति अदालत को इस प्रकार से क्यों अपमानित करे, ये तो अनुचित है.


विपक्ष का कौन सा नेता पसंदीदा?


पीएम मोदी ने कहा कि प्रणव मुखर्जी कांग्रेस के थे. 2019 के चुनाव के दौरान उन्होंने तीन-चार बार फोन किया. वो मुझे कहते थे कि इतनी मेहनत करोगे तो तबीयत को कौन देखता है. वो तो कांग्रेस से थे. मैं तो बीजेपी का था, फिर भी वो मुझे फोन करते थे. हमने नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिया. हमने प्रणव दा को भारत रत्न दिया, ये सब वोट पाने के लिए काम नहीं किया. हमने गुलाम नबी आजाद साहब को पद्म विभूषण दिया. मेरे सबसे अच्छे संबंध हैं. सिवाय शाही परिवार के. हालांकि, मैं उनकी तकलीफ के समय में मैं प्रो-एक्टिव रहा हूं. 


राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लेकर सुनाया ये किस्सा


उन्होंने कहा, 'मेरा शाही परिवार के साथ कोई संबंध नहीं है, लेकिन मैं उनकी परेशानियों के समय हमेशा उनके लिए मौजूद रहा हूं. शायद कोई चुनाव था और महाराष्ट्र में राहुल गांधी के हवाई जहाज में कुछ गड़बड़ी आई तो मैंने उन्हें तुरंत फोन किया. एक बार सोनिया गांधी काशी में मेरे खिलाफ चुनाव प्रचार कर रही थीं तो अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई. मैंने तुरंत उन्हें स्पेशल प्लेन से दिल्ली लाने के लिए कहा.'


आर्टिकल 370 खत्म करने को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं 80-90 के दशक से कश्मीर में रहा हूं. जब मैं प्रधानमंत्री बना तो वहां बाढ़ आई. मैं वहां चला गया. लोग मुसीबत में थे और वहां की सरकार को पता ही नहीं था. मैंने वहां एक हजार करोड़ देने का फैसला किया. इसके बाद मैंने वहां दिवाली मनाने का फैसला किया. वहां जब मैं पहुंचा तो लोगों का प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिला. वो मुझसे अकेले मिलना चाहते थे. उन्होंने कहा कि आप जम्मू-कश्मीर के लिए जो भी कीजिए, सीधे कीजिएगा. इसमें सरकार को शामिल मत कीजिएगा. वहां के लोगों को राज्य सरकार पर भरोसा नहीं था. जम्मू-कश्मीर में वोटिंग के लिए जनता को धन्यवाद है. कश्मीर के लोग मेरे फैसले से खुश हैं.'


देश में कब खत्म होगी गरीबी?


उन्होंने कहा कि हमारा ध्येय वही है, लेकिन उसकी डेडलाइन तय नहीं हो सकती है. मैं गुजरात में एक गरीब प्रयाण मेला करता था. इसमें सरकार की जितनी योजनाएं होती है, उसमें अधिकारियों का काम होता था, लाभार्थियों को लाकर उन्हें स्कीम का लाभ देना. इस तरह की योजनाओं से ही लोगों को आगे बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाएं जिंदगी बदलने वाली हों. आज 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं. लोगों के सामर्थ्य को जगाना चाहिए. 


बंगाल में कैसे होगी औद्योगिक क्रांति?


पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा कि बंगाल आर्थिक रूप से सार्वजनिक सुधार तक इस देश का नेतृत्व करता था. पिछले 200 सालों का इतिहास निकाल कर देख लीजिए. हर जगह पर बंगाल नजर आएगा. बंगाल में सामर्थ्य और संसाधनों की कोई कमी नहीं है. बंगाल में सही नेतृत्व का अभाव है. मैं केवल राजनीतिक नेतृत्व की बात नहीं कर रहा हूं. फुटबॉल हर बंगाली के डीएनए में है, लेकिन देश इसमें मेडल लेकर नहीं आता है. अगर इस पर ठीक से किसी ने ध्यान दिया होता तो बंगाल का फुटबॉल दुनिया में नंबर वन होता. उन्होंने कहा कि केवल वाइब्रेंट गुजरात जैसा कार्यक्रम करने से कुछ खास नहीं होगा. बहुत मेहनत करने पर एक निवेशक तैयार होता था. बंगाल के लिए भी ऐसा ही करना पड़ेगा. मैंने गुजरात में 6-6 महीने मेहनत की है.


'इकबाल अंसारी भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में थे मौजूद'


राम मंदिर के कार्यक्रम से विपक्ष की दूरी के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि इन्होंने राजनीति के शॉर्टकट ढूंढे हैं, इसलिए वो वोट बैंक की राजनीति में फंस गए. इसकी वजह से वो घोर सांप्रदायिक, घोर जातिवादी, घोर परिवारवादी हो गए और गुलामी की मानसिकता से बाहर नहीं आए. वरना क्या कारण है कि 19वीं शताब्दी के कानून 21वीं शताब्दी में बदले गए. उन्होंने कहा कि दुनिया में महात्मा गांधी एक महान आत्मा थे. क्या हमारी ये 75 सालों में हमारी जिम्मेदारी नहीं थी कि पूरी दुनिया महात्मा गांधी को जाने. पहली बार गांधी पर फिल्म बनी, तब दुनिया में क्यूरोसिटी बनी. उन्होंने कहा कि इतिहास से हमें जुड़े रहना चाहिए. जब अदालत ने फैसला दिया तो पूरे देश में शांति रही. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा खूब गौरव के साथ हुई. खुद बाबरी मस्जिद की लड़ाई लड़ने वाले इकबाल अंसारी वहां थे. 


ब्रह्मोस मिसाइल के सवाल पर पीएम मोदी ने एबीपी न्यूज को कहा- थैंक यू


एबीपी न्यूज को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पीएम मोदी से ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने एबीपी न्यूज को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मैं बधाई देता हूं कि आपने ये सवाल उठाया. ब्रह्मोस के साथ जो हुआ, अगर ये न होता तो दुनिया में देश की लाखों-करोड़ों की ब्रह्मोस मिसाइल बिक जाती और, हम नए वर्जन बनाने की क्षमता में आ जाते.


दरअसल, यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात से जुड़ी फाइल्स को आगे बढ़ाने पर रोक लग गई थी. उन्होंने कहा कि हमारे देश के अंदर विदेशों से हथियार लेने का बहुत बड़ा अंडरग्राउंड बिजनेस चल रहा था. पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिमी देशों का एक ग्रुप बना हुआ था. इसलिए हमारी सेना कभी आत्मनिर्भर नहीं हो पाई. मैंने प्रधानमंत्री बनने के बाद हर साल 100 चीजों की लिस्ट बनवाता था और इन 100 चीजों पर रोक नहीं लगने देता था. पीएम मोदी ने कहा कि अब तक ये लिस्ट 300 तक पहुंच चुकी होगी. उन्होंने कहा आज हम एक लाख करोड़ की मैनुफैक्चुरिंग कर रहे हैं. इसके साथ ही हमने 21 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट किया है.


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